इंटरनेट का अधिकाधिक प्रयोग करने वाला दुनिया का तीसरा देश है भारत - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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2 अप्रैल 2016

इंटरनेट का अधिकाधिक प्रयोग करने वाला दुनिया का तीसरा देश है भारत

आज लगभग हर एक हाथ में इंटरनेट है. हमारा भारत इंटरनेट का अधिकाधिक प्रयोग करने वाला दुनिया का तीसरा देश है. आप अपने कंप्यूटटर, मोबाइल आदि से कहीं न कहीं इंटरनेट से जुड़े हैं. इसलिये साइबर क्राइम, साइबर अपराध, साइबर-आतंकवाद जैसे शब्दों  से परिचय होना बहुत जरूरी है. इसे साधारण भाषा में  हैकिंग कहते हैं, इससे साइबर अपराधी आपके कंप्यूेटर नेटवर्क में प्रवेश कर आपकी निजी जानकारी जैसे - आपका नेट बैंकिग पासवर्ड, आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी आदि को चुरा कर आपको हानि पहुंचा सकता है. इस तरह की कोई भी निजी जानकारी आप अपने मोबाइल में भी नहीं रखें. कई तरह के फर्जी लुभावने ई-मेल आदि  द्वारा आपको ठगा जा सकता है, कभी भी इस तरह के किसी ई-मेल पे ध्यान ना दे और किसी भी तरह की फर्जी ई-मेल अटेचमेंट को डाउनलोड ना करे. मालवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो आपके कंप्यूटर के लिए खतरनाक साबिलत हो सकता है. इस सॉफ्टवेयर को हैकर्स कंप्यूटर से पर्सनल डाटा चोरी करने के लिए डिजाइन करते हैं. हैकर्स की भाषा में मालवेयर टर्म का यूज वायरस, स्पाय वेयर और वर्म आदि के लिए किया जाता है. ये तीनों वायरस के ही रूप हैं....https://www.malwarebytes.org
मालवेयर सुरक्षा और बचाव के लिए इस लिंक पे क्लीक कर फ्री में Anti-Malware सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते है.
वायरस फैलाना 
साइबर अपराधी कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर आपके कम्प्युटर पर भेजते हैं जिसमें वायरस छिपे हो सकते हैं, इनमें वायरस, वर्म, ट्रोजन हॉर्स, लॉजिक हॉर्स आदि वायरस शामिल हैं, यह आपके कंप्यूैटर को काफी हानि पंहुचा सकते हैं. इसलिए अपने कंप्यूटर में हमेशा एंटी-वायरस इनस्टॉल कर अपडेट रखें.  
सॉफ्टवेयर पाइरेसी
सॉफ्टवेयर की नकल तैयार कर सस्तेे दामों में बेचना भी साइबर क्राइम के अन्त्र्गत आता है, इससे साफ्टवेयर कम्पनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है साथ ही साथ आपके कीमती उपकरण भी ठीक से काम नहीं करते हैं. ऐसे सॉफ्टवेयर से बचें…… 
फर्जी बैंक कॉल
आपको जाली ई-मेल, मैसेज या फोनकॉल प्राप्तव होती है जो आपको असली जैसी ही लगती है  जिसमें आपसे पूछा जाये कि आपके एटीएम नंबर और पासवर्ड की आवश्यकता है और यदि आपके द्वारा यह जानकारी नहीं दी गयी तो आपका खाता बन्दत कर दिया जायेगा या इस लिंक पर  सूचना दें आदि तो याद रखें किसी भी बैंक द्वारा ऐसी जानकारी कभी भी इस तरह से नहीं माँगी जाती है और भूलकर भी अपनी किसी भी इस प्रकार की जानकारी को इन्टहरनेट या फोनकॉल या मैसेज के माध्यीम से नहीं बताये. 
सोशल नेटवर्किग साइटों पर अफवाह फैलाना 
बहुत से लोग सोशल नेटवर्किग साइटों पर सामाजिक, वैचारिक, धार्मिक और राजनैतिक अफवाह फैलाने का काम करते हैं, लेकिन यूजर्स उनके इरादें समझ नहीं पाते हैं और जाने-अनजाने में ऐसे लिंक्सर को शेयर करते रहते हैं, लेकिन यह भी साइबर अपराध और साइबर-आतंकवाद की श्रेणी में आता है. 
साइबर बुलिंग
फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग पर अशोभनीय कमेंट करना, इंटरनेट पर धमकियॉ देना या किसी का इस स्तेर तक मजाक बनाना कि तंग हो जाये, इंटरनेट पर दूसरों के सामने शर्मिंदा करना, इसे साइबर बुलिंग कहते हैं. अक्स,र बच्चेप इसका शिकार होते  हैं… इन सब से बचें........... साइबर क्राइम एक बहुत बड़ा क्राइम है इससे बचें और इस लिंक पर क्लीक कर पूरा पढ़ सकते है.  http://deity.gov.in/content/cyber-laws-security
 http://www.cyberlawsindia.net
याद रहें अपराध छोटा हो या बड़ा अपराध सिर्फ अपराध होता है……… 
वायरस फैलाना, सॉफ्टवेयर पाइरेसी, फर्जी बैंक कॉल, सोशल नेटवर्किग साइटों पर अफवाह फैलाना, साइबर बुलिंग इन सबों की जानकारी देते हुए..... 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट 
साइबर एक्सपर्ट हेमंत सरकार कहते हैं कि अपने ऑफिस के ई-मेल को कभी भी पर्सनल ई-मेल के साथ इस्तेमाल न करें. क्योंकि पर्सनल ऑनलाईन गतिविधियों के जरिये हैकर्स किसी को भी टारगेट बनाकर कम्पनी के सिस्टम तक पहुंच सकता है. कोई ई-मेल खास लिंक या अटैचमेंट के साथ मिले व कुछ बड़ा प्रलोभन देने का मामला हो तो लिंक को ओपेन करने से पहले उसे मेल के वैरिफिकेशन के लिए संबंधित व्यक्ति को दूसरा मेल भेजकर आश्वस्त हो लें. वैसे लिंक की वास्तविकता जानने के लिए कर्सर हाईपरलिंक पर ले जाकर राईट क्लिक कर देखने की कोशिश करें. लिंक और हाईपरलिंक के एड्रेस से मैच करें. इसके बावजूद भी अगर आप असमंजस में हैं तो एक नया विंडो खोले और वेबसाईट के एड्रेस को टाईप कर देखें कि वह वास्तविक है या नहीं.
(स्पेशल रिपोर्ट: मधेपुरा:- अमित आनंद / गरिमा उर्विशा)

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