गर्भवती की इलाज के दौरान हुई मौत से गुस्साये लोगों ने मिशन अस्पताल के मैनेजर की पिटाई कर दी. अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बना रहा. मारपीट की घटना से मिशन के डॉक्टरों और कर्मचारियों में भय व्याप्त है. सोमवार की सुबह आलमनगर प्रखंड के बडगांव पंचायत के बढौना गांव निवासी संतोष कुमार यादव की पत्नी अनिता उर्फ सिंपल मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया. अनिता पांच महीने की गर्भवती थी और एक दिन पहले से ब्लिडिंग होने की शिकायत को लेकर उनके परिजन मिशन में भर्ती कराया था. उन्हें प्राईवेट वार्ड के रूम 3 में रखा गया था. दिन भर चले इलाज के बाद शाम को अनिता बाथरूम गयी जहां अचानक उन्होंने अपरिपक्व बच्चे को जन्म दे दी. प्रसव के कारण उनके शरीर से काफी मात्रा में खून का रिसाव होने लगा. परिजनों द्वारा हल्ला करने करने पर अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टर वहां पहुंचे. तत्काल उनका इलाज शुरू हुआ. इलाज के दौरान अनिता की मौत हो गयी. अनिता की मौत की खबर सुन उनके परिजनों में कोहराम मच गया. देखते ही देखते मिशन परिसर में लोगों की भीड जुट गयी. गुस्साये लोगों ने मिशन अस्पताल के मैनेजर ए माइकल को बुलाकर उनकी धुनाई कर दी. वे किसी तरह अपनी जान बचा कर भागे. अस्पताल कर्मियों ने हंगामें की खबर पुलिस को दी. पुलिस बल के पहुंचने के बाद आक्रोशित लोग वहां से भाग गये. देर रात तक अस्पताल में अफरातफरी मची रही. बाद में परिजनों को समझाबुझा कर शव को उनके घर भेजवाया गया.
बढौना में शिक्षिका थी अनिता
मिशन अस्पताल में इलज के दौरान मरी अनिता उर्फ सिंपल उत्क्रमित मध्य विद्यालय बढौना में सहायक शिक्षिका के रूप में कार्यरत थी. अनिता का मौके बैजनाथपुर में है. उनके पिता राजकिशोर प्रसाद यादव हैं. उनकी शादी बढौना के उपेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र संतोष के साथ वर्ष 2004 में हुई थी. संतोष सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली में काम करते हैं. अनिता को 8 वर्ष की एक बेटी खुशी है.
घरवालों ने अस्पताल पर लगाया आरोप
अनिता की मौत पर उनके परिजनों ने अस्पताल पर मरीजों के साथ असहयोग का आरोप लगाया है. उनकी मौसी सोनी देवी का कहना था कि इलाज के दौरान मरीज से मिलने नहीं दिया गया. अंतिम समय तक डॉक्टरों ने अनिता के स्वस्थ रहने की बात बतायी गयी. सास बिमला देवी, सौरभ कुमार, भाई निक्कु, विवेक, निक्की, छोटू, मुकेश आदि के दहाड मारकर रोने से अस्पताल का माहौल गमगीन बना रहा.
लोगों ने की जमकर मारपीट
मिशन अस्पताल के मैनेजर ए माइकल ने बताया कि अनिता के ब्लिडिंग का सिलसिला उनके घर से ही हुआ. काफी देर से उन्हें अस्पताल लाया गया. डॉक्टरों ने पुरी मुस्तैदी से उनकी जान बचाने की कोशीश की. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि अनिता की मौत के बाद कुछ स्थानीय युवक अपनी धौंस दिखाने के लिए उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. उनके साथ मारपीट की. माइकल ने बताया कि इससे पूर्व भी कई बार वे लोग ऐसा करने की कोशीश करते रहे हैं. माइक ने ताया कि सेवा भावना से काम करने के बावजूद कुछ लोग गलत आरोप लगाकर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों में भय और दहशत का माहौल बनाना चाहते हैं.
(रिपोर्टः मधेपुरा:- डॉ रंजन कुमार रमण)