उसके बाद परिजनों ने अशोक कुमार उर्फ गरजू के शव को उनके पैतृक गांव जोगबनी लाया. घटना की जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए. घटना की सूचना पाकर मधेपुरा एसपी संजय कुमार घटनास्थल पर पहुंचे. एसपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा भेज दिया. रात के लगभग 2 बजे के आसपास शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके पैतृक गांव लाया गया. सुबह होते ही मृतक के परिवार वाले और ग्रामीणों ने जदयू के जिलाध्यक्ष विजेंद्र यादव से एक नौकरी और मुआवजे की मांग की.
साथ ही 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार की भी मांग की. उसके बाद सुबह से लेकर शाम के 4:00 बजे तक सभी नेता और एसपी-डीएम वहां पर जमे रहे लेकिन पीड़ित परिवार वाले को किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया गया. बार-बार यह कहा गया कि सीएम साहब का फोन आएगा और वो आपसे बात करेंगे. लेकिन न तो मुख्यमंत्री का फोन आया न ही पीड़ित परिवार को कोई मुआवजा दिया गया. जब डीएम नवदीप शुक्ला ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
एसपी संजय कुमार ने बताया कि हमारी टीम गठित कर ली गई है. बहुत जल्द अपराधी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. घटना की जानकारी मिलने पर सदर विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर यादव, जदयू जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव, जिला परिषद प्रतिनिधि रविशंकर कुमार पिटू, प्रखंड प्रमुख शशि कुमार, मुखिया श्याम यादव, करमलाल मेहता, अमरेन्द्र यादव, पप्पू झा, संजय यादव, पंसस सदानंद यादव, सरपंच सुरेंद्र यादव प्रमोद यादव, मो. सुभान सहित अन्य लोग पंहुच कर पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाया.
सोनी देवी सहित बेटा अंशु कुमार, सनी कुमार और एक बेटी का रो रो कर बुरा हाल था. वहीं सूत्रों की मानें तो शराब माफियाओं के हाथ होने की बात कही जा रही है. वह भी क्षेत्र में शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ थे. कई बार पुलिस को सूचना देकर कई लोगों की गिरफ्तारी भी कराई थी. वह शराब कारोबारी की नजर में खटक रहे थे. वहीं राजीनीतिक रूप से भी वे काफी मजबूत थे. दो बार से लगातार जदयू के प्रखंड अध्यक्ष थे.
इससे पहले पंचायत समिति सदस्य थे. पुलिस कई बिदुओं पर जांच कर रही है. इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रखंड अध्यक्ष की किसी से दुश्मनी नहीं थी. हां, शराब माफिया व बदमाशों को वह जरूर खटकते थे. वहीं उनकी राजनीतिक वर्चस्व भी था.
(रिपोर्ट:- मिथिलेश कुमार)
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