मधेपुरा: एआईएसएफ को बीएड प्रकरण से जुड़े बिंदु यथा नामांकन, नियुक्ति आदि में हुई धांधली व रोस्टर की अनदेखी की जांच को बनी समिति के सभी सदस्यों के प्रति गहरी आस्था है. संगठन को शत प्रतिशत उम्मीद है कि समिति के जांच रिपोर्ट में दूध का दूध और पानी का पानी साफ साफ हो जाएगा.
उक्त बातें वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के राज्य उपाध्यक्ष सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने समिति के सदस्यों के नाम संगठन के आग्रह पत्र उन्हें सौंपते हुए कही. पांच सदस्यीय जांच समिति के सदस्यों के नाम लिखे पत्र में राठौर ने कहा कि बीएनएमयू मुख्यालय स्थित बीएड विभाग के ऑन स्पॉट एडमिशन में हुई धांधली और रोस्टर की अनदेखी के खिलाफ संगठन लगातार संघर्षरत है, लगातार मांग और आंदोलन शुरू करने के बाद सिंडीकेट की बैठक संख्या 130 दिनांक 9-1-21 के कार्या वली संख्या 5(ख)के आलोक में पूरे एक माह एक दिन बाद दस फ़रवरी को कुलसचिव की गैरहाजिरी में प्रभारी कुलसचिव द्वारा आनन फानन में अधिसूचना जारी की गई.
अधिसूचना जारी होने से संगठन सहित पीड़ित छात्रों के बीच उम्मीद की किरण नजर आने लगी है. लिखे पत्र में राठौर नेसंगठन की ओर से मांग किया कि जांच के क्रम में जांच टीम एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल को भी अपनी बात रखने व साक्ष्य प्रस्तुत करने का मौका दे जिससे मुख्यालय के बीएड विभाग में ऑन स्पॉट एडमिशन में हुई धांधली और रोस्टर की अनदेखी से जुड़ी प्रमुख बातें सामने आए. इस क्रम में राठौर ने बल देते हुए कहा कि संगठन के पास अपने आरोप से जुड़े हर प्रकार के गंभीर साक्ष्य हैं जिससे सारी बातें साफ हो जाएगी.
वहीं उन्होंने मांग किया कि जांच की प्रक्रिया को तेजी देते हुए काम करने की जरूरत है जिससे आम आवाम को सकारात्मक संदेश भी जाए ।संगठन के संयुक्त जिला सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि संगठन साक्ष्य के साथ लगातार पहल के लिए संघर्षरत है लेकिन दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कारवाई के बजाय मौन धारण करके यह साबित किया है कि गोलमाल बड़े स्तर पर हुआ है जिसमें कई लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कारवाई के बजाय लगातार चुप्पी यह दर्शाती है कि इस प्रकरण के लीपापोती की बड़ी साजिश चल रही है.
उन्होंने कहा कि संगठन को यह भी संदेह है कि आलाधिकारी जांच टीम को भी प्रभावित कर अपनी गर्दन बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने साफ किया कि विश्वविद्यालय ने अगर कड़े कदम नहीं उठाए तो संगठन छात्र हित में फिर से आंदोलन को विवश होगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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