25 फरवरी तक स्वीकार किए जाएँगे आलेख
आयोजन सचिव सह जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि अधिवेशन की तैयारियाँ जारी हैं. इंटर एवं मैट्रिक परीक्षा की समाप्ति के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. यह अधिवेशन ऑफलाइन एवं ऑनलाइन दोनों रूपों में आयोजित होगा. इसमें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मात्र पचास बाह्य प्रतिभागियों को ही आमंत्रित किया गया है और उनके लिए ही आवास की व्यवस्था की गई है.
शेष प्रतिभागी गूगल मीट एवं यू ट्यूब के माध्यम से अधिवेशन में भाग ले सकेंगे. सभी प्रतिभागियों को उनके पते पर रजिस्टर्ड डाक से निःशुल्क स्मारिका एवं सर्टिफिकेट भेज दी जाएगी. सभी प्रतिभागियों को ऑनलाइन गूगल फार्म भरना होगा. जिन प्रतिभागियों ने पूर्व में पंजीयन करा लिया है, उनके लिए भी गूगल फार्म भरना ज़रूरी होगा. ऑनलाइन पंजीकरण और आलेख एवं शोध-सारांश भेजने की अंतिम तिथि 25 फरवरी, 2021 तक बढ़ा दी गई है.
अब तक तीन सौ हुआ पंजीयन
प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने बताया कि यह अधिवेशन बीएनएमयू में पहली बार होने जा रहा है. इसमें भाग लेने हेतु देश के लगभग तीन सौ शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन कराया है. इसमें कोसी एवं सीमांचल के अतिरिक्त भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, आरा, गया, धनबाद, राँची, वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, , लखनऊ, कोलकाता, नई दिल्ली, वर्धा, सागर, जोधपुर आदि जगहों के प्रतिभागी शामिल हैं.
अधिवेशन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित साह, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, उर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण और प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह सहित कई गणमान्य राजनेताओं एवं विद्वानों का शुभकामना-संदेश प्राप्त हो चुका है. महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य गणमान्य राजनेताओं एवं शिक्षाविदों को भी शुभकामना-संदेश के लिए अनुरोध पत्र भेजा गया है.
दस सत्रों में होगा कार्यक्रम
यह त्रिदिवसीय अधिवेशन दस सत्रों में संपन्न होगा. प्रथम दिन उद्घाटन समारोह के अलावा बारह विद्वानों का विशेष व्याख्यान होगा. दूसरे दिन पांच विभागों (समाज दर्शन, धर्म दर्शन, नीति दर्शन, तत्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा) के अंतर्गत शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएँगेे. तीसरे दिन 'बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत' और 'गाँधी 150 : विमर्श एवं विकल्प' विषयक दो संगोष्ठियाँ आयोजित की जाएँगी.
साथ ही समापन समारोह होगा. पहले एवं दूसरे दिन अतिथियों के सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएँगे. इसमें इप्टा, प्रांगण रंगमंच, सृजन दर्पण, नवाचार रंगमंडल, शिव राजेश्वरी युवा सृजन क्लब, राधाकृष्णन संगम ट्रस्ट, राष्ट्रीय कला मंच आदि की चुनिंदा प्रस्तुतियाँ होंगी.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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