मधेपुरा: बीएससी ऑनर्स करने के बाद जब युवक सूरज कुमार को कोई रोजगार नहीं मिला तो मधेपुरा समाहरणालय के समीप आत्मनिर्भर भारत के तहत उन्होंने एक पान का दुकान खोल लिया. जिसका नाम उन्होंने बीएससी बेरोजगार पान दुकान रखा है. दूकान की पोस्टर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी. यहाँ तक कि कई लोगों ने सूरज कुमार के मोबाइल नंबर पर फोन कर उससे सारी बातों की जानकारी लेते हुए सहानुभूति भी जताई.
लोगों ने उनका हौसला बुलंद करते हुए कहा कि बेरोजगार रहने से बेहतर है कि आपने अपना स्वयं का रोजगार शुरू किया. वर्ष 2019 में इन्होंने फिजिक्स से ग्रेजुएशन किया है. उनका कहना है कि ग्रैजुएशन करने के बाद भी बिहार सरकार में कोई रोजगार नहीं मिला तो मैंने सोचा बेरोजगार रहने से बेहतर है कि खुद का कोई रोजगार शुरू किया जाए. गरीब परिवार से होने के कारण इन्होंने 6 महीने पूर्व समाहरणालय के समीप एक पान दूकान शुरू किया.
तब उस दूकान पर दूकान का बोर्ड नहीं लगा हुआ था. 27 जनवरी को इन्होंने अपने दूकान पर बीएससी बेरोजगार पान दुकान के नाम से बोर्ड लगाया. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर तेजी से इस दूकान का बोर्ड वायरल होने लगा. उन्होंने बताया कि बिहार में कोई ऐसा बड़ा उद्योग भी नहीं है जहाँ जाकर मैं रोजगार कर सकूँ. ग्रैजुएशन करने के बाद गांव समाज के लोग तरह-तरह की बातें करने लगे. जिससे मुझे शर्म महसूस होने लगी. फिर मैंने कुछ रुपए इकट्ठा कर एक छोटी सी पान दुकान की शुरुआत की.
मुझे गर्व है कि चोरी, डकैती, गुंडागर्दी करने से बेहतर मैं खुद आत्मनिर्भर होकर रोजगार कर रहा हूँ. साथ ही उन्होंने कहा मैं सभी युवाओं से अनुरोध करता हूं, कि कोई भी गलत काम करने से बेहतर है कि आत्मनिर्भर बनें और अपना रोजगार शुरू करें. कोई भी काम छोटा नहीं होता है, बस नजरिया सही होना चाहिए.