डेस्क: सहरसा-पूर्णिया रेलखंड पर लंबे समय से सवारी गाड़ियो की परिचालन बंद रहने के कारण मुरलीगंज और आसपास के इलाकों के लोगों को रेल से आवागमन की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. पहले एक्सप्रेस और सवारी गाड़ियों मिलाकर नौ जोड़ी ट्रेनें चलती थी. जिससे मुरलीगंज रेलवे स्टेशन से पूर्णिया और सहरसा तक सफर करने वालों को काफी सहुलियत हो रही थी.
लेकिन कोरोना काल से बंद सवारी गाड़ियो की परिचालन अब तक शुरू नहीं होने से आस पास क्षेत्रों के लोगों की परेशानी अधिक बढ़ गयी है. इतना ही नहीं सहरसा-पूर्णिया के बीच सड़क मार्ग भी वर्षों से जर्जर बनी हुई है. जनप्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने कई बार रेलवे के अधिकारी, सांसद और उप-मुख्यमंत्री को आवेदन दिया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
मुरलीगंज का इलाका व्यवसायिक दृष्टिकोण से काफी प्रगतिशील शहर है. यहां अलग अलग राज्यों और जिलों से समान आयात और निर्यात होती है. रेल सेवा बंद रहने से आमलोग और व्यवसायियों को काफी परेशानी हो रही है. बताया गया कि कोरोना काल से पहले प्रतिदिन 80 से 90 हजार रुपये स्टेशन से टिकट मद में आमदनी थी. बताया गया कि पूर्व में पांच जोड़ी एक्सप्रेस और चार जोड़ी सवारी गाड़ियो की परिचालन होती थी.
लेकिन कोरोना काल के बाद एक भी पैसेंजर ट्रेन की सुविधा नहीं है. गाड़ियों का परिचालन बंद रहने से रेलवे स्टेशन के आस पास दुकान कर गुजारा करने वाले छोटे दुकानदारों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है. वर्तमान में स्टेशन परिसर में गिने चुने स्थायी दुकाने ही बचे हुए हैं.
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