बीएनएमयू मुख्यालय बीएड विभाग में लगातार खामियां उजागर होने पर भी कुलपति का मौन रहना चिंतनीय: एआईएसएफ - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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3 मार्च 2021

बीएनएमयू मुख्यालय बीएड विभाग में लगातार खामियां उजागर होने पर भी कुलपति का मौन रहना चिंतनीय: एआईएसएफ

मधेपुरा: बीएनएमयू परिसर स्थित बीएड विभाग में प्रभारी विभागाध्यक्ष द्वारा रजिस्ट्रेशन के फरमान जारी करने पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कुलपति को आवेदन लिख कारवाई की मांग की है. कुलपति को लिखे आवेदन में संगठन के राज्य उपाध्यक्ष सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि विश्वविद्यालय के पुराने परिसर में स्थित बीएड विभाग निरन्तर नए नए विवादों को जन्म दे रहा है जिससे विभाग सहित बीएनएमयू की छवि को धक्का लगा है. 

ऑन स्पॉट एडमिशन में हुई धांधली और रोस्टर की अनदेखी की चर्चा अभी खत्म ही नहीं हुई की विभाग के हेड ने रजिस्ट्रेशन का फरमान जारी करते हुए सभी छात्रों को निर्धारित तिथि तक रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश जारी किया है. आवेदन के साथ उक्त सूचना की प्रति को संलग्न करते हुए राठौर ने सवाल उठाया कि बीएड के छात्र जो पूर्व में इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं.  
उन्हें रजिस्ट्रेशन की नियमानुसार जरूरी नहीं है क्योंकि वो पूर्व से ही रजिस्टर्ड हैं जो दुबारा नहीं किया जा सकता यह होगा भी तो सिर्फ उन छात्रों का जो दूसरे विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. इस सम्बन्ध में राठौर ने संगठन कि नाराजगी जताते हुए कहा कि संगठन ने कई बार आवेदन दे मांग किया था कि जांच कमिटी की जांच रिपोर्ट आने तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और सीट से अधिक छात्रों की हुए नामांकन में अधिक छात्रों के फीस वापसी पर रोक लगे. 

जिससे जांच प्रक्रिया व रिपोर्ट प्रभावित न हो लेकिन कुलसचिव व कुलपति के हस्ताक्षर से फीस वापसी की जारी निर्देश के बाद रजिस्ट्रेशन का आदेश दर्शाता है कि संगठन के आंदोलन और जांच प्रक्रिया शुरू होने से विभाग में हलचल है और साक्ष्य के लीपापोती की बड़ी साजिश चल रही है. छात्र नेता राठौर ने कहा कि एआईएसएफ द्वारा लगातार मांग उठाने व साक्ष्य प्रस्तुत करने पर भी कारवाई के बजाय कुलपति का मौन रहना कई चिंताओं को जन्म देता है.

एआईएसएफ के राज्य परिषद सदस्य सह संयुक्त जिला सचिव सौरभ कुमार ने कहा कि इस मामले में कुलपति त्वरित पहल कर रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाते हुए दोषियों पर कड़े कदम उठाएं जिससे नियम परीनियम को मजाक बनाने वाले को सीख मिले. उन्होंने कहा कि कुलपति बीएड प्रकरण पर हर चीज से उपर उठकर कारगर कदम उठाए जिससे विश्वविद्यालय की छवि बदनाम न हो. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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