मधेपुरा: जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पिछले कई दिनों से रेडियो व सोनोलॉजिस्ट चिकित्सक के अनुपस्थित रहने से हर रोज अल्ट्रासाउंड कराने वाले मरीज को निराश होकर ही घर वापस जाना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं को होती है. उन्हें भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. कई मरीज ऐसे हैं, जिनकी जांच न हो पाने की वजह से उनका ऑपरेशन तक टाल दिया जा रहा है.
अस्पताल में प्रतिदिन औसतन करीब 10 गर्भवती महिलाएं चेकअप कराने के लिए पहुंचती है. बताया जाता है कि गर्भधारण की पहली तिमाही से लेकर प्रसव से पूर्व तीन बार अल्ट्रासाउंड कराना आवश्यक है. परंतु अस्पताल में पहुंचने वाली महिलाओं को अल्ट्रासाउंड का लाभ नहीं मिल पा रहा है. नतीजा यह है कि गर्भवती महिलाएं शहर के प्राइवेट क्लिनिकों का सहारा लेने को मजबूर हो रही है.
प्राइवेट क्लिनिकों में गर्भवती महिलाओं से अल्ट्रासाउंड के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है. वहीं जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पहुंचने वाली गरीब तबके की गर्भवती महिलाएं पैसे के अभाव में एक बार भी अल्ट्रासाउंड नहीं करा पाती है. अन्य कई ऐसे मरीज भी हैं, जिन्हें अल्ट्रासाउंड करवाना होता है. वे भी अल्ट्रासाउंड के लिए पहले तो इधर-उधर भटकते हैं फिर पूछने पर पता चलता है कि डॉक्टर साहिबा छुट्टी में है.
रोजाना दर्जनों मरीज बिना अल्ट्रासाउंड करवाएं ही निराश होकर घर लौट जाते हैं. पूछने पर बताया जाता है कि डॉक्टर पिछले कई दिनों से खुद बीमार हैं, इसलिए वे ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं. इसलिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है. डॉक्टर साहिबा कब तक आएंगी यह पूछने पर बताया जाता है कि बीच-बीच में पता करते रहिएगा. मेडिकल कॉलेज व अस्पताल परिसर में हर ओर यह लिखकर चिपका दिया गया है कि डॉक्टर साहब जी के नहीं के करना अल्ट्रासाउंड बंद है. क्यूंकि स्वास्थ्य विभाग प्रधान सचिव मेडिकल कॉलेज के निरिक्षण को पहुंचनेेे वाले हैं.
पिछले साल मार्च महीने में मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया था. उद्घाटन के समय नीतीश कुमार और मंगल पांडेय ने कहा था कि अब क्षेत्र के लोगों को इलाज कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इससे स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज के लिए अपने शहर में आशा की एक किरण दिखाई दी. उन्हें उम्मीद थी कि बेहतर उपचार के लिए उन्हें दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण मधेपुरा के लोगों की यह उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है.
महज कुछ ही महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोसी क्षेत्र के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज वरदान साबित होगा. 500 बेड वाले इस मेडिकल कॉलेज में 100 करोड़ से अधिक की लागत से अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. ऑपरेशन के लिए बनी 10 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर की दीवार एंटी बैक्टेरियल पेंट से रंगी गई है. एमसीआई की गाइडलाइन के हिसाब से अस्पताल और कॉलेज का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है. अब देखने वाली बात यह है कि यहाँ के लोगों को यह तमाम सुविधा कब तक मिल पाएंगी या सिर्फ भाषणबाजी से ही लोगों को संतुष्ट रहना पड़ेगा.
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