कोरोना के साथ लू की दोहरी मार - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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14 अप्रैल 2021

कोरोना के साथ लू की दोहरी मार

मधेपुरा: इस साल मार्च महीने से ही गर्मी अपने चरम पर है. सूबे में अभी से ही गर्म हवाएँ चलनी शुरु हो गईं हैं. एक तरफ जहाँ लोग कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से भयभीत हैं, वहीं दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी के कारण भी लोग अब बीमार पड़ने लग गए हैं. ऐसे में सरकार पूरी मुस्तैदी के साथ लू से निबटने की तैयारियों में जुट गई है. 

आपदा प्रबंधन ने दी चेतावनी

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राज्य भर के जिलों को यह निर्देश दिया गया है कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए लू से निबटने की तैयारी कर लें. मौसम विभाग द्वारा लू की चेतावनी दी गई है, जिसके बाद आपदा प्रबंधन ने लू से निबटने के लिए बनाए गए सरकारी मानक प्रणाली पर काम करने का आदेश दिया है. लोगों से सतर्क रहने की भी अपील की है. 

कौन-कौन से जिले हैं प्रभावित

मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष राज्य भर में लू के चपेट में आने से कई लोग अपनी जान गँवा देते हैं. पिछले वर्ष की बात करें तो लू की चपेट में आने से गया, अरवल और औरंगाबाद में 3 दिनों के भीतर 150 से भी अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी. हर वर्ष लू की चपेट में आनेवाले जिलों में औरंगाबाद, रोहतास, अरवल, कैमूर, शेखपुरा, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, भोजपुर, बक्सर, पटना शामिल है. 

आमजनों को एसएमएस के जरिए चेतावनी

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि मौसम विभाग के स्थानीय निकाय की ओर से लू की चेतावनी के बारे में टीवी, रेडियो व समाचार­­-पत्रों के माध्यम से आमजनों तक जानकारी पहुँचाई जाए. इसके साथ-साथ लोगों के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए भी लू से बचने की जानकारी देने को कहा है. अस्पतालों सहित ऊर्जा विभाग को मिले विशेष निर्देश

लू से प्रभवित क्षेत्रों में प्याऊ लगाने के लिए आदेश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग को राज्य के सभी अस्पतालों में लू से होनेवाली बीमारियों के इलाज की पूरी व्यवस्था करने के लिए कहा है. तेज बहती हवाओं को देखते हुए ऊर्जा विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि बिजली के तार में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी न हो इसकी पुष्टि कर लें जिससे हवाओं की रफ्तार से कोई भी तार न टूटे. 

लू से बचाव के लिए जारी परामर्श. 

गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक या लू जानलेवा हो सकती है. इस संबंध में हमने एशियन मेडिकल इंस्टिट्यूट किर्गिस्तान से एमबीबीएस कर रही डॉ शालू शुभम से बातचीत की. आइए देखें लू से बचाव व लू लग जाने पर प्राथमिक उपचार के उनके सुझाए कुछ उपाए...

-तेज धूप में बच्चों को बाहर निकलने न दें. 

-बहुत जरूरी हो तो खुद भरपूर पानी पीकर और सूती कपड़े पहनकर बाहर निकलें. 

- सिंथेटिक कपड़ों से लू लगने की संभावना बढ़ जाती है. 

- हीट स्ट्रोक होने पर तुरंत बच्चों के जरूरी कपड़े के अलावा बाकी कपड़े उतार दें. ठंडे पानी से बदन तब तक पोंछते रहें, जब तक बुखार कम नहीं हो जाए. 

- बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में ओआरएस का घोल पिलाते रहें. 

- हालत में सुधार न होने पर मरीज को तुरंत नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल ले जाएं. 

लू के लक्षण

- लू या हीट स्ट्रोक लगने के बाद तेज बुखार आता है. कभी-कभी बुखार 105 से 106 डिग्री फॉरेनहाइट तक हो जाता है. 

- ऐसे बुखार में पसीना नहीं आता है. बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत होती है. 

- बच्चों को बेहोशी छाने लगती है. मुंह सूखने लगता है. 

- शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है.



पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

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