मधेपुरा: उत्तर बिहार का सबसे बेहतर मेडिकल कॉलेज जो कि 800 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक मशीनों और उपकरणों के साथ शुरू हुआ, जननायक कर्पूरी उसी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल से मरीजों को निराश होकर जाना पड़ता है. आधुनिक सुविधाओं से लैस रहने के बाद भी मरीजों को जांच की सुविधा नाममात्र ही मिल रही है. अमूमन हर विभाग से मरीज बिना इलाज ही लौट रहे हैं और बाहर निजी सेंटरों पर जांच के नाम पर लूट मची है.
कुछ मशीनें इसलिए बंद हैं क्योंकि इन्हें चलाने के लिए कॉलेज के पास तकनीकी स्टाफ ही नहीं है और जो मशीन चालू है उन्हें यह कह कर बंद कर दिया जाता है कि आज का कोटा फुल हो गया है. अब कल आइए सुबह आठ बजे के बाद फिर आपका काम होगा. एक-एक विभाग में रखी लाखों की मशीनें डिब्बों से बाहर तो आ गई लेकिन लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है.
हर रोज सुबह से दोपहर तक सैकड़ों मरीजों को इस अव्यवस्था और कॉलेज की लाचारी से अवगत होना पड़ रहा है. बता दें कि इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कुल 74 डॉक्टरों की नियुक्ति है लेकिन ड्यूटी पर महज गिने-चुने डाॅक्टर ही पहुँचते हैं. बांकी के डॉक्टर अपनी निजी क्लिनिक चलाने में व्यस्त रहते हैं. पिछले साल मार्च महीने में मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने किया था.
उद्घाटन के समय नीतीश कुमार और मंगल पांडेय ने कहा था कि अब क्षेत्र के लोगों को इलाज कराने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इससे स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज के लिए अपने शहर में आशा की एक किरण दिखाई दी. उन्हें उम्मीद थी कि बेहतर उपचार के लिए उन्हें दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा लेकिन सरकारी उपेक्षा के कारण मधेपुरा के लोगों की यह उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है.
महज कुछ ही महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोसी क्षेत्र के लिए जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज वरदान साबित होगा. 500 बेड वाले इस मेडिकल कॉलेज में 100 करोड़ से अधिक की लागत से अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं. ऑपरेशन के लिए बनी 10 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर की दीवार एंटी बैक्टेरियल पेंट से रंगी गई है.
एमसीआई की गाइडलाइन के हिसाब से अस्पताल और कॉलेज का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है. अब देखने वाली बात यह है कि यहाँ के लोगों को यह तमाम सुविधा कब तक मिल पाएंगी या सिर्फ भाषणबाजी से ही लोगों को संतुष्ट रहना पड़ेगा.
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....