हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से डरे - सहमे हैं परिजन - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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24 अगस्त 2021

हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से डरे - सहमे हैं परिजन

मधेपुरा: जिला मुख्यालय के कॉलेज चौक स्थित माँ गीतांजलि स्टूडियो के प्रोपराइटर की हत्या के आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने से परिवार के लोग डरे सहमे हुए हैं. मृतक अमरेश कुमार की पत्नी पूनम कुमारी ने एसपी, डीजीपी, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, गृहमंत्री भारत सरकार, प्रधानमंत्री भारत सरकार, उच्च न्यायालय पटना, सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली तक को आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाई है. 

दिए गए आवेदन में उन्होंने कहा कि मधेपुरा थाना कांड संख्या 589/ 21 दर्ज है जिसमें प्रशासन को घटना की विस्तारित जानकारी देकर अवगत कराया गया है और न्याय की गुहार लगाई है. मृतक के एकमात्र पुत्र विवेक कुमार ने बताया कि 22 अगस्त को रक्षा बंधन व रविवार के दिन छुट्टी होते हुए अचानक मधेपुरा सदर के एसडीपीओ अजय नारायण यादव अनुसंधान पर्यवेक्षण के लिए घटनास्थल पर जाँच करने पहुंचे. उन्होंने प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्रवाई पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि घटनास्थल पर पूर्व से अभियुक्तों से मेलजोल कर केवल उनसे बातचीत कर बिना वीडियो के बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य संकलन करने लगे.  
पूछताछ के दौरान पीड़ित पक्ष के प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की खोजबीन नहीं की गई. जिस किसी ने भी इस बारे में हस्तक्षेप कर अपनी बात रखनी चाही उन्हें डांट- डपट कर उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए पुलिसिया रौब दिखाकर चुप करा दिया गया. घटना के चश्मदीद गवाहों एवं परिवार के सदस्यों का बयान उलट-पुलट कर पेश करने की कोशिश की जा रही है. विवेक ने प्रशासन पर अविश्वसनीयता जताते हुए कहा कि आरोपी खुलेआम घटनास्थल पर बोलते हैं कि "पर्यवेक्षण में करीब 2 लाख रु० एसडीपीओ अजय नारायण यादव को दिए हैं तथा मेलजोल से बयान भी अंकित करवा दिए हैं. अब मुकदमा समाप्त हो जाएगा." और सचमुच ऐसा ही हो भी रहा है, महीने भर बीत जाने के बावज़ूद अबतक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है और न कोई ठोस कार्रवाई ही. 


मुकदमा में अनीश कुमार स्वर्णकार उर्फ़ गुड्डू एवं चाँद मियां का एसडीपीओ अजय नारायण कुमार यादव से गहरा संबंध है, जिससे मुकदमा को प्रभावित किया जा रहा है एवं केस के अनुसंधानकर्ता श्यामदेव ठाकुर भी अभियुक्तों से मोटी रकम लेकर अभद्र व्यव्हार कर बोलते हैं कि "जहाँ शिकायत करना है करो देख लेंगे." विवेक ने यह भी कहा कि अभियुक्तों के द्वारा मेरे परिवार को केस उठाने के लिए डराया एवं धमकाया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे बिहार में इन्साफ नहीं मिला तो मैं अपने पूरे परिवार के साथ बिहार छोड़ने के लिए मजबूर हो जाऊँगा. मैं इस मामले को लेकर राष्ट्रपति तक जाऊँगा लेकिन हार नहीं मानूँगा.


पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....

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