प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य को दी नई दिशा - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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2 अगस्त 2021

प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य को दी नई दिशा

बेगूसराय: सिहमा ग्राम स्थित 'आशा डिजिटल प्रिंटिंग प्रेस' के नए परिसर में 'आशा प्रकाशन परिवार' एवम द प्लेयर्स एक्ट बेगूसराय द्वारा संयुक्त रूप से कवियों-साहित्यकारों, रंगकर्मियों और ग्रामीणों के साथ उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की एक सौ इकतालीसवीं जयंती मनाई गई. उनकी जयंती पर आयोजित यह समारोह कुल दो सत्रों में विभक्त था. पहले सत्र में मुंशी प्रेमचंद के चित्र के ऊपर माल्यार्पण करते हुए 'वर्तमान समाज में प्रेमचंद की प्रासंगिकता' नामक विषय पर विमर्श आयोजित किया गया और दूसरे सत्र में सामाजिक सरोकारों से जुड़ी काव्य रचनाओं का गायन तथा वाचन हुआ. 

आयोजन की अध्यक्षता जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने की वहीं दोनों सत्रों के कार्यक्रम का संचालन नवगीतकार राहुल शिवाय ने किया. विमर्श सत्र का सूत्रपात करते हुए आलोचक एवं साहित्यकार मणिभूषण सिंह ने प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा करते हुए आदर्शोन्मुखी यथार्थवाद के हवाले से तत्कालीन भारतीय समाज की घोर त्रासदी और वर्तमान परिवेश में व्याप्त वर्गीय संघर्ष, लिंगभेद, और आर्थिक सरणी की विषमता से उत्पन्न भयानक संत्रास में गुणात्मक साम्य निदर्शित किया. उन्होंने कहा कि स्वरूप चाहे जितना बदल गया हो लेकिन स्थितियाँ अब भी कमोबेश जस की तस हैं.  
वहीं युवा कवि राहुल कुमार देवव्रत ने मुंशीजी को श्रेष्ठ दलित चिंतक बताते हुए यह कहा कि प्रेमचंद से दलित संवर्ग भी उतने परितुष्ट नहीं. प्रसिद्ध लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि से सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि रचना का उत्तर रचना से ही दिया जा सकता है, उसके लिए रंगभूमि की प्रतियाँ जलाने की आवश्यकता नहीं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और जिले के सम्मानित शिक्षाविद डॉ० भगवान प्रसाद सिन्हा ने प्रेमचंद को प्रगतिशील लेखक बताते हुए यह कहा कि वक़्त बदला मगर होरी के हालात न बदले. 

उन्होंने मुंशी प्रेमचंद को कृषक समाज का प्रतिनिधि कलमकार मानते हुए उनकी तुलना लियो टॉलस्टॉय से की और यह भी कहा कि मौजूदा दौर में प्रेमचंद की प्रासंगिकता बतलाती है कि हालात आज भी बदले नहीं हैं. गीत, कहानी वाचन और कवि सम्मेलन के दूसरे सत्र में राणा कुमार, मनोज झा, प्रफुल्ल मिश्र, प्रेमचंद्र शर्मा, दीपक सिन्हा, संजीव शाहिद, रंजन झा, सनोज शर्मा, राघव, दीपक कुमार आदि कवियों में से जहां कुछ ने काव्य पाठ किया वहीं कुछ ने लयबद्ध स्वर से अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर माहौल को काव्यरस से सराबोर कर दिया।उपस्थित श्रोता  मंत्रमुग्ध होकर आनंद लेते रहे और लगातार तालियां बजती रही.  
समारोह में रंगकर्मी अमित रौशन, दीपक सिन्हा, मोहित मोहन, हरिकिशोर ठाकुर, रविन कुमार, चंदन कुमार सोनू, अजय भारती, मनोज महतो, सनोज कुमार शर्मा, संतोष राही, सिकंदर कुमार शर्मा आदि मौजूद थे. आगत अतिथियों ने प्रकाशन परिवार को ग्रामीण परिवेश में इस तरह के आयोजन को आयोजित करने के लिए साधुवाद और सफल संयोजन के लिए प्रेस के प्रोपराइटर दीपक कुमार को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी. कार्यक्रम के समापन पर श्री राजनंदन सिंह ने उपस्थित लोगों को आशा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित और दीनानाथ सुमित्र लिखित गीत और गजल संग्रह 'हमन है इश्क़ मस्ताना' की प्रतियां भेंट कीं. विशिष्ट अतिथि श्री सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया. 

वहीं राम उद्गार सिंह, श्याम सुंदर सिंह, अशोक सिंह, राहुल कुमार पैक्स अध्यक्ष, मुखिया प्रतिनिधि गुड्डू कुमार, आशुतोष शांडिल्य, वीरेंद्र सिंह, बबन कुमार, मुकेश कुमार, संदीप कुमार, अंकुर कुमार, अंकेश कुमार, आशा देवी, चंद्रकला देवी, नीलम देवी, आरती सिंह, सपना कुमारी, आर्या आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे. 
(रिपोर्ट:- अमरेश अमन) 
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