एआईएसएफ, एआईवाईएफ, आईसा ने कुलपति द्वारा बुलाई बैठक का किया बहिष्कार - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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1 सितंबर 2021

एआईएसएफ, एआईवाईएफ, आईसा ने कुलपति द्वारा बुलाई बैठक का किया बहिष्कार

मधेपुरा: मंगलवार को बीएनएमयू के केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में कुलपति प्रो आर के पी रमन द्वारा बुलाई गई सभी छात्र संगठनों की बैठक का बीच में ही वाम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई, युवा संगठन एआईवाईएफ और आईसा ने बहिष्कार कर दिया. बैठक का बहिष्कार करते हुए संगठन के कार्यकर्ता बीच में ही बैठक से बाहर निकल गए. 

एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की बैठक करना मजाक बनाने जैसा है बैठक में विषय का चयन, प्रतिनिधियों के आमंत्रण, समय सीमा निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर तैयारी नहीं थी वहीं संचालन कर रहे डीएसडब्लयू के पास संगठन व छात्र नेताओं की सूची नहीं होना बताता है कि बैठक को विश्वविद्यालय ने भी गंभीरता से नहीं लिया. 
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बैठक के लिए भेजे गए आमंत्रण में कहा गया था छात्रहित के सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी जबकि सदन में यूएमआईएस प्रकरण, स्नातक नामांकन का विषय निर्धारित किया गया जो दर्शाता है सभी विषयों पर चर्चा की बात कह एन मौके पर विषय का दायरा बांधा गयाा. वहीं बोलने के दौरान किसी तरह की सीमा का निर्धारण नहीं था छात्र नेता राठौर ने विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी बैठक विश्वविद्यालय अपना काम निकालने व दिखावा के लिए ही करती है जहां सोच ईमानदार नहीं होती. 

एआईवाईएफ नेता शम्भु क्रांति ने संगठन की ओर से ऐतराज जताते हुए कहा कि बैठक में निर्णय से पहले झांसे में रख करवाया जा रहा था हस्ताक्षर जबकि निर्णय हुआ ही नहीं था यह दर्शाता है कि यह अंदर की कोई बड़ी साजिश है जिसमें छात्र नेताओं को अंधेरा में रखने की बुंआ रही है. उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि छात्र संगठनों के साथ बैठक में कुछ शिक्षकों को चुपचाप आमन्त्रित करना भी सवालों को जन्म देता है.  
आईसा जिला संयोजक दीपांशु सिंह राजपूत ने बैठक की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसी बैठकों में संगठन के प्रतिनिधियों को आमन्त्रित किया जाता है न कि सबको इससे बैठक लंबा ही नहीं घिंचता बल्कि कोई निष्कर्ष भी नहीं होता. यह बैठक पूरी तरह से दिखावा है विश्वविद्यालय की छात्रहित में काम की मंसा साफ नहीं है. 

एआईएसएफ राज्य परिषद् सदस्य सौरभ कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि संगठन ऐसी बैठकों को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करता. कुलपति ऐसे दिखावे को बन्द करें. संगठन का आंदोलन और मजबूती से जारी रहेगा. विश्वविद्यालय के दावे और आश्वासन में कोई दम नहीं. अब किसी भी कीमत पर काम हो और कुछ स्वीकार नहीं. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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