हिन्दी के उत्थान के लिए प्रतिदिन सोचने की जरूरत - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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15 सितंबर 2021

हिन्दी के उत्थान के लिए प्रतिदिन सोचने की जरूरत

मधेपुरा: भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी में रोजगार की संभावनाएं विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टीपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केपी यादव ने कहा कि विश्व की समृद्ध भाषाओं में विशिष्ट भाषा के रूप में हिन्दी शुमार है. उन्होंने कहा कि हिन्दी के विकास के लिए साल में एक दिन के बजाय प्रतिदिन चिंतन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भाषा समाज और देश का दर्पण का है. हिन्दी के उत्थान के लिए प्रयास करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है. 
स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के प्रो. विनय कुमार चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व में एक हजार से अधिक भाषाएं हैं. कई भाषाएं मर रही हैं लेकिन हिन्दी श्रेष्ठ भाषा के रूप में विकसित हो रही हैं. स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीताराम शर्मा ने कहा कि हिन्दी एक वैज्ञानिक भाषा है. संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी स्थापित हैं. हिन्दी को राष्टभाषा के रूप में सम्मान दिए जाने की जरूरत है. टीपी कॉलेज हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. वीणा कुमार ने कहा कि हिन्दी सभी भाषाओं का सम्मान करना सिखाती है. हिन्दी सभी भाषाओं को साथ लेकर चलती है. इस कारण अंग्रेजी, उर्दू आदि के कई शब्द हिन्दी में रचबस गए हैं. 
साहरसा स्नातकोत्तर केंद्र हिन्दी विभाग के डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप ने हिन्दी की उन्नति, प्रगति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिन्दी की व्यापकता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व के तमाम शैक्षणिक संस्थानों में हिन्दी की पढ़ाई हो रही है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीएनएमवी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. पीएन पीयूष ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि हिन्दी की प्रतिष्ठा देश और पूरी दुनिया में स्थापित हो रही है. आने वाले दिनों में हिन्दी विश्व भाषा के रूप में स्थापित होगी.
बीएनएमवी कॉलेज के अंगेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार सिंह ने कहा कि हिन्दी में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. हिन्दी विश्व भाषा के रूप में स्थापित हो रही हैं. बीएनएमवी कॉलेज के हिन्दी विभाग की अध्यक्ष मीरा कुमार ने हिन्दी में रोजगार की संभानाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. शेफालिका शेखर ने संगोष्ठी का विषय प्रवेश कराते हुए हिन्दी दिवस की महत्ता और रोजगार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला.  

केपी कॉलेज मुरलीगंज के सहायक प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार ने हिन्दी के विकास पर प्रकाश डालते हुए हिन्दी को राष्ट्रभाषा का वैधानिक दर्जा देने की मांग की. डॉ. अशोक कुमार, अंजली कुमारी आदि ने भी संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस पदाधिकारी डॉ. नारायण कुमार ने किया. इससे पूर्व छात्राओं ने स्वागत गान के साथ अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर जन्तु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. हरीश खंडलेवाल, डॉ. धर्मेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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