मधेपुरा: हरितालिका तीज को लेकर शहर के बाजारों की रौनक बढ़ गई है. व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं ने अभी से ही नए वस्त्रों, आभूषण, पूजा सामग्री आदि की खरीदारी करने लगी हैं. बहू-बेटियों के घर भी तीज की सामग्री भेजी जाने लगी है. इस बार 9 सितंबर को हरितालिका (तीज) व्रत है. जिसमें महज अब पांच दिन का ही समय बचा है. बाजारों में महंगाई पर आस्था भारी दिख रही है. शहर के बाजार में एक दुकान से साड़ी खरीद रही गृहिणी शोभा गुप्ता का कहना था कि चाहे जितनी महंगाई हो जाए, व्रत तो करना है. हां, खर्च में थोड़ी कटौती का होना लाजिमी है. वहीं आरती देवी के मुताबिक, यह सच है कि महंगाई का कहर हम झेल रहे हैं और इसका असर पर्व-त्योहारों पर पड़ा है. बावजूद इसके तीज को पूरी आस्था व भक्ति भावना के साथ मनाना है. बेबी देवी कहती हैं कि पूजन सामग्री नहीं अपितु आस्था अहम है. सुहागिन महिलाएं सदा से तीज पर्व करती आई हैं. ऐसे में महंगाई से दिक्कतें तो जरुर बढ़ी हैं, लेकिन इससे पर्व-त्योहार तो रूकनेवाला नहीं है. हिन्दू धर्म परंपराओं से भरा हुआ है. जिसका निर्वहन हम करते आ रहे हैं.
पर्व के मौके पर मायके से बेटी के घर यानी ससुराल में तीज भेजने की भी परंपरा है. जिसमें बेटी के सुहाग से जुड़े सभी सामान, वस्त्र व मिठाई भेजा जाता है. सामर्थ्य के अनुसार लोग इस परंपरा का निर्वहन करते हैं. ऐसे भी तीज पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है. इस दरम्यान व्रती निर्जला उपवास रख कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती हैं. ऐसी मान्यता है कि हिमालय राज की पुत्री पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीया को निर्जला उपवास रख भगवान शिव को डलिया चढ़ाकर विशेष पूजा अर्चना की थीं. तब से सुहागिन महिलाएं अखंड सुहाग के लिए इस व्रत को करने लगी.
हरतालिका तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज तिथि प्रारंभ 09 सितंबर 2021 दिन गुरुवार
प्रात: काल पूजा मुहूर्त-सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक
प्रदोषकाल पूजा मुहूर्त - शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक
तृतीया तिथि प्रारंभ - 09 सितंबर दिन गुरुवार की सुबह 02 बजकर 33 मिनट पर
तृतीया तिथि समाप्त - 09 सितम्बर की रात 12 बजकर 18 मिनट पर
(रिपोर्ट:- मोहन कुमार)
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