मधेपुरा: सदर प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने सदर बीडीओ पर अवैध तरीका से राशि की मांग करने का आरोप लगाया है. साथ ही इस संबंध में काल रिकाडिग का साक्ष्य डीएम को देने की बात कही है. पंचायती राज पदाधिकारी ने इस संबंध में बीडीओ को आवेदन देकर सिस्टम में भ्रष्टाचार की बात कहकर पोल खोल दी है. मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. आमतौर पर आमलोगों द्वारा प्रशासनिक पदाधिकारी पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन जिले में पहली बार हुआ है कि एक पदाधिकारी दूसरे पदाधिकारी पर अवैध तरीके से राशि मांग का आरोप लगाया जा रहा है.
मामले जिले के आला अधिकारी के पास पहुंचने के बाद सुलझाने की बात कह रहे हैं. आवेदन में प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ने कहा है कि बीडीओ द्वारा 21 अक्टूबर को लगभग 11 बजे कहा गया कि सभी पंचायत सचिव व आप पैसा का व्यवस्था कीजिए. पंचायत सचिव से बोलिए कि बैठक में पहुंचे. इसका फोन रिकार्डिंग उपलब्ध है. आवेदन में कहा गया है कि अवैध तरीके से वसूली का मनसा रखना सरकारी पदाधिकारी के कार्य के विपरीत है. आपसे अपेक्षा की जाती है कि आगे इस तरह से दबाव नहीं बनाएं. नहीं तो बाध्य होकर आप पर कार्रवाई के लिए जिला पदाधिकारी को काल रिकार्डिंग भेज दी जाएगी.
सरकार ने बीडीओ को पंचायती राज कार्य से मुक्त करते हुए पंचायती राज पदाधिकारी को ही यह भार सौंपा है, लेकिन बीडीओ द्वारा प्रभार नहीं दिया जा रहा था. जबकि दोनों अधिकारी डेढ़ माह पहले ही अपने-अपने पद पर पदस्थापित हुए हैं. पदस्थापना के बाद से ही दोनों के बीच अनबन चल रहा था. लेकिन गत दिन प्रभार को लेकर दोनों के बीच कहासुनी भी हुई है. दूसरी ओर सदर प्रखंड कार्यालय में कार्यरत एक कर्मी ने बताया कि मामले के जड़ में योजना है. बीडीओ स्वयं योजना चलाना चाहते हैं. जबकि पंचायती राज पदाधिकारी इसे स्वयं करना चाहते हैं. एक ही प्रखंड कार्यालय में दो तरह की व्यवस्था से कर्मी भी परेशान चल रहे हैं.
हाल के दिनों में पंचायती राज पदाधिकारी स्वयं अपने लिए कार्यालय तैयार कर रहे हैं. मामला को तूल पकड़ता देख जिले के आला अधिकारी के दखल के बाद दोनों अधिकारी शांत हो गए हैं. वहीं पंचायती राज पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार ने कहा कि अब मामला सुलझ गया है. हम दोनों के बीच कोई विवाद नहीं रह गया है. जबकि बीडीओ कलावती कुमारी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. वैसे इंटरनेट मीडिया पर क्या वायरल किया जाता है इससे कोई लेना-देना नहीं है. प्रभार का मुद्दा था. सहायक के नहीं रहने के कारण वह प्रभार नहीं दे पाई थी. जल्द ही पंचायत से जुड़ा सारा प्रभार दे दिया जाएगा.
(रिपोर्ट:- मोहन कुमार)
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