मधेपुरा: गुरुवार को भारत का छात्र फेडरेशन (एसएफआई) का 52 वा स्थापना दिवस एसएफआई जिला कार्यालय मधेपुरा में मनाया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता एसएफआई के जिला अध्यक्ष राजदीप कुमार ने किया उन्होंने कहा कि शिक्षा के निजीकरण, बजारीकारण, व्यवसायीकरण होने से आज किसान मजदूर के बच्चे को शिक्षा पाना असंभव हो गया है. सरकार अभी तक शिक्षा पर प्रयोग ही कर रही है. एसएफआई का नारा है कि प्रधानमंत्री हो या भंगी का संतान सबको शिक्षा मिले एक समान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसएफआई के जिला सचिव विमल विद्रोही ने कहा कि देश में दो तरह की शिक्षा व्यवस्था है.
एक अमीर के बच्चों के लिए दूसरा गरीब के बच्चों के लिए जिसमें अमीर के बच्चे दिल्ली कोटा देश विदेश में पढ़ाई कर आईएएस आईपीएस जज बनते हैं. वही गरीब का बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़कर चपरासी हक परिया बनता है हम एसएफआई के 52 वां स्थापना दिवस के अवसर पर सरकार से मांग करते हैं कि सरकार एक तरह की शिक्षा व्यवस्था लागू करें अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसएफआई के बीएनएमयू प्रभारी सारंग तनय ने कहा की शिक्षा के लगातार बढ़ते निजी करण के कारण शिक्षा आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही है.
सरकार अपने संप्रदायिक एजेंडे को लागू करने के लिए शिक्षा के सिलेबस में बदलाव के कोशिश करते हुए उसकी तार्किकता और वैज्ञानिक गुणों को खत्म करने में लगी है. इस अवसर पर एस एफ आई के प्रखंड अध्यक्ष ब्रजेश सिंह चंद्र किशोर कुमार शिवम सिंह ने कहा कि छात्र देश और दुनिया का भविष्य और उगता हुआ सूरज है इसे सजाना एवं समारना सरकार का काम है इसलिए सरकार इसे सही शिक्षा प्रदान करें एवं योग्य अनुसार काम दे. इस अवसर पर इंजीनियर मिट्ठू कुमार इंजीनियर संजीव कुमार रोशन कुमार मन्नू यादव दीपक कुमार प्रिंस कुमार दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित हुए.
(रिपोर्ट:- रामानन्द कुमार)
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