मधेपुरा: कथक नृत्य के सम्राट माने जाने वाले पंडित बिरजू महाराज का बीते रविवार को निधन हो गया. ऐसे में मधेपुरा के तमाम कलाकारों ने शोक प्रकट केते हुए बिरजू महाराज की अमर आत्मा के शांति के लिए प्राथना किया. पंडित रामस्वरूप प्रसद यादव ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शोक जताया. उन्होंने कहा कि देश ने एक महान कलाकार को खो दिया है. कथक के सम्राट बिरजू महाराज का निधन कलाकारों के लिए एक बड़ी क्षति की बात है. बिरजू महाराज ने देश के साथ साथ विदेशो में भी अपनी कथक की प्रस्तुति से अनेको का मन मोहा है. दुनिया भर में अपने नृत्य के लिए मशहूर रहे बिरजू महाराज की निधन हो गई. इस पर हम शोक जताते है. कई दशकों से वह कला जगत के सिरमौर रहे.
अपने नृत्य का जादू देश और दुनिया के अलग अलग जगहों पर बिखेरे. सच कहें तो आज भारतीय संगीत का एक बड़ा सितारा टूट गया. मै उन्हें अपने हृदय से श्रंद्धाजलि अर्पित करता हूं. संगीतज्ञ अरुण कुमार बच्चन ने कहा कि परंपरिक भारतीय नृत्य शैली कथक को विश्व पटल पर ले जाने वाले प्रख्यात कथक सम्राट महाराज जी के जाने से ऐसा लग रहा जैसे दुनिया ने नृत्य करना बंद कर दिया गया हो. मानो पाओ में बंधी घुंघरू टूट गई हो. हमने 'राजा' खो दिया है. बिरजू महाराज का कथक नृत्य अद्वितीय था. जब वो परफॉर्म करते थे तो सारे लोग उन्हें एकटक देखते रह जाते थे.
संगीतज्ञ गांधी शर्मा ने कहा कि बिरजू महाराज जैसे पुराने और लोक कलाकारों का जाना बहुत अफसोस कि बात है. क्योंकि नए युवा वर्ग का नृत्य शैली बिल्कुल ही अलग होता जा रहा है. ऐसे समय मे कुछ पुराने नृत्य शैलली का विलुप्त होने निश्चित नज़र आ रहा है. पुराने और ठोस कला का प्रसार इन्ही के जिम्मे था जो आगे आने वाले समय इसकी कमी महसूस करेगा. संगीत शिक्षिका शशि प्रभा जयसवाल, गायक सुनीत साना, आलोक कुमार, ओम आनंद, संतोष राजा, मोहन कुमार, आनंद अभिनव, प्रो. सनोज कुमार, मनोज कुमार, रसराज कमल सिंह, विनोद केसरी, अनिल मिश्र, मदन मोहन झा, हिमांशु कुमार, चंदा रानी, सुष्मिता कुमारी, काजल खातून, अंजली कुमारी, दिलखुश कुमार, कार्तिक कुमार आदि ने अपने संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
(गरिमा उर्विशा)
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