मधेपुरा: वाम छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के विश्वविद्यालय प्रभारी सारंग तनय ने एनटीपीसी रेलवे के सीबीटी वन रिजल्ट में गड़बड़ी एवं ग्रुप डी की परीक्षा को दो चरणों में लेने पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि कई सालों के बाद 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे में बहाली आईं और बड़े उम्मीद से लाखों स्टूडेंट्स फॉर्म भरकर की सीबीटी वन का परीक्षा दिये जब रेलवे बोर्ड ने रिजल्ट जारी किया तो स्टूडेंट्स को निराशा हाथ लगी हैै. रेलवे भर्ती बॉर्ड ने अपने नोटिफिकेशन में 20 गुना रिजल्ट देने की बात कही थी, लेकिन आज 10 गुना रिजल्ट भी नहीं आया है, नोटिफिकेशन के आधार पर बोर्ड अपने वादे पर खड़ा नहीं उतरा.
और जो भी रिजल्ट आया है उसमें 13 पदों पर एक ही कैंडिडेट्स का रिजल्ट आया है. परीक्षा के बाद आरआरबी नियमों में परिवर्तन कर के रिजल्ट जारी करता है. इसके कारण मेधावी स्टूडेंट्स का रिजल्ट नहीं हो पाता है. सारंग तनय ने कहा कि रेलवे ने ग्रुप डी विज्ञापन संख्या-01/2019 परीक्षा दो चरणों में लेने का नोटिस 24 जनवरी को जारी किया गया कि ग्रुप डी की एक नहीं, बल्कि दो परीक्षा(सीबीटी) लेने का निर्णय लिया गया है. यह निर्णय छात्र हित में नहीं है. स्टूडेंट्स एक परीक्षा की तैयारी किये थे,लेकिन उन लोगों को इस निर्णय से काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है. रेलवे ग्रुप डी की परीक्षा 23 फरवरी से होने वाली है. इस परीक्षा हेतु एक करोड़ 17 लाख स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया है.
इसके माध्यम से एक लाख पदों को भरना है. इतने कम समय मे रेलवे ने विज्ञापन में फेरबदल कर लाखों स्टूडेंट्स को झटका दिया है. इस एग्जाम में पहले ही देरी हो गई है. अब दो परीक्षा लेने से दो-तीन साल लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि विज्ञापन जारी होने के बाद बीच मे विज्ञापन में बदवाल करना न्यायालय के आदेशों का अपमान है. स्टूडेंट्स ने विज्ञापन के सारे शर्तों को पढ़ कर फॉर्म भरा था, तैयारी की है, परीक्षा से बस एक महीने पहले विज्ञापन में बदलाव करना न्यायसंगत व छात्र हित में नहीं है. सारंग तनय ने रेलमंत्री से मांग की है कि ग्रुप डी का नोटिफिकेशन वापस लें और एनटीपीसी रिजल्ट का रिवाइज रिजल्ट जारी करें, अन्यथा गणतंत्र दिवस के बाद छात्रों से संवाद कर मधेपुरा में भी उग्र आंदोलन किया जाएगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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