नाटककार दया प्रकाश सिन्हा का जलाया पुतला - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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13 जनवरी 2022

नाटककार दया प्रकाश सिन्हा का जलाया पुतला

मधेपुरा: भारत के स्वाभिमान गौरवशाली भारत के निर्माता चक्रवर्ती सम्राट अशोक के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी को भारत की जनता का कभी भी स्वीकार नहीं कर सकती है  अपने पराक्रम और समाज के कार्यों से भारत को पूरी दुनिया में गौरव दिलाया. सम्राट अशोक ने दुनिया भर में शांति के संदेश फैलाया है. उनके ऊपर नाटककार दया प्रकाश सिन्हा ने अपनी रचनाओं में और इस संदर्भ में दिए गए साक्षरता में उन महान शख्सियत के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी एवं उनके विरुद्ध आधारहीन तर्क बर्दाश्तयोग्य नहीं है. साथ ही इतिहास विरूद्ध बात लिख कर न सिर्फ बिहार के स्वाभिमान को ललकारा गया है बल्कि भारत की अस्मिता पर भी हमला है. 

सम्राट अशोक का लाट (तीन सिंह) की मूर्ति आज भारत सरकार का राष्ट्रीय प्रतीक है यही नहीं उनका चक्र भारत मां के तिरंगे की शान है. दया प्रकाश सिन्हा का यह कृत्य देशद्रोह की श्रेणी में आता है. अफसोस की बात है कि उसी पुस्तक के लेखक को साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्मश्री का सम्मान दिया गया है. हम आज पुरज़ोर तरीके से मांग करते हैं कि 1. दया प्रकाश सिन्हा को भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्मश्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित सभी पुरस्कार वापस लिया जाए. 2. इस लेखक पर राष्ट्र के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा किया जाए. 3. उनके द्वारा लिखित सम्राट अशोक से संबंधित पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाए.  
महात्मा फुले समता परिषद बिहार आज के कार्यक्रम के माध्यम से भारत के महामहिम राष्ट्रपति और सम्मानित प्रधानमंत्री से अपील करती है कि इस पर अभिलंब कार्रवाई की जाए एवं केंद्र सरकार की तरफ से संदर्भ में तत्काल कार्रवाई नहीं किए जाने पर महात्मा फुले समता परिषद आगे भी इस सवाल पर अभियान चलाएगी. शहर के कॉलेज चौक पर महात्मा फुले समता परिषद के बैनर तले दया प्रकाश सिन्हा का पुतला दहन किया गया. ज्ञात हो कि दया प्रकाश सिन्हा के द्वारा अशोक सम्राट की तुलना औरंगजेब से करने पर महात्मा फुले समता परिषद के कार्यकर्ताओं में भारी रोष है. 

इस मौके पर रवि शंकर कुमार उर्फ पिंटू मेहता ने कहा की दयाशंकर सिन्हा के द्वारा सम्राट अशोक पर अशोभनीय टिप्पणी पर मैं खेद प्रकट करता हूं और सरकार से मांग करता हूं भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्मश्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित उसे दिए गए सभी पुरस्कार वापस लिया जाए. क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय अस्मिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. इस मौके पर जिला संयोजक महात्मा फूले समता परिषद मधेपुरा, प्रो.अभिषेक कुशवाहा, अमित कुशवाहा, अमन कुशवाहा, विद्यानंद कुशवाहा, नवल किशोर मेहता, इफ्तिखार गुड्डू आलम, प्रभु नारायण मेहता, रामचंद्र मेहता, चंदन मेहता, गोवर्धन मेहता, मनोज मेहता, जनार्दन मेहता, सहदेव कुमार मेहता, रामचंद्र मेहता, संजीव कुमार मेहता, पंकज कुशवाहा, उपेंद्र दास, मो. औरंगजेब संस्था के अन्य गणमान्य कार्यकर्ता मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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