मधेपुरा: पंडित बिरजू महाराज के निधन पर सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था सृजन दर्पण मधेपुरा ने बुधवार को दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के संगीत विभाग में संस्था सचिव युवा रंगकर्मी विकास कुमार के नेतृत्व में दी मौके पर रंगकर्मी विकास ने कहा कथक सम्राट बृज मोहन मिश्रा जिन्हें दुनिया पंडित बिरजू महाराज के रूप में जानती रही है इन्होंने कथक नृत्य में नए आयाम नित्य नाटिका को जोड़कर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. उनके आकस्मिक निधन से भारतीय संगीत की लय थम गयी सुर मौन हो गये भाव शुन्य हो गये. राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर योगेंद्र नारायण यादव ने कहा बिरजू महाराज का जाना बहुत दुखदायी है. कला एवं संस्कृति के क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है. वे कलाकारों के प्ररेणा श्रोत थे और रहेंगे. समाजशास्त्री डॉ आलोक कुमार ने कहा मैं अपने को बहुत भाग्यशाली मानता हूं क्योंकि बिरजू महाराज जैसे शख्सियत को देखने का मौका मिला वे कई विधाओं में सिद्धार्थ थे. संगीतज्ञ प्रोफेसर अरुण कुमार बच्चन ने कहा पंडित बिरजू महाराज गायन वादन एवं नृत्य साधक नहीं बल्कि अधिष्ठता थे. खासकर जब वे नृत्य करने लगते तो आत्म विभोर हो जाते थे.
लोक में रहकर भी अलौकिक हो जाते थे. इस कारण दर्शक भी आत्म विस्मृत हो जाते थे. संगीत विभागा अध्यक्ष प्रोफेसर रीता कुमारी ने कहा कला साधना की जो उच्चतम स्थिति हमलोग अनुमान करते हैं उनका दर्शन जाकर पंडित बिरजू महाराज जैसे शख्सियत में ही मिलती है वे हमलोगों के आदर्श का साकार रूप थे. इस अवसर पर संगीत शिक्षक डॉ. शुरेश कुमार शशी, संगीत शिक्षिका सीके रीना, युवा गायक आलोक कुमार, धीरज कुमार एवं नितिश कुमार आदि ने श्रादांजलि दी.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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