मधेपुरा: विगत एक महीनों में जिला अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में एनएच व अन्य सड़कों पर आधे हिस्से अथवा कहीं आधे से भी ज्यादा हिस्सा में जमकर मक्का सुखाये जाने के कारण अचानक सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी बढ़ोतरी को लेकर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ मधेपुरा ने डीएम को पत्र लिख इस पर संज्ञान ले पहल की मांग की है. राठौर ने कहा कि प्रतिदिन सड़क पर सुख रहे मक्के पर फिसल कर दर्जनों लोग चोटिल हो रहे हैं विशेष कर साईकिल व मोटर साइकिल सवार को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैै. पांच मई को उदाकिशुनगंज भतगामा मार्ग पर जहां चार लोग घायल हुए वहीं उसी मार्ग पर एक की मौत भी हुई. सिंहेश्वर पिपरा रोड पर दो दिन पहले मक्के पर बाइक सवार के फिसलने के कारण स्कूल से घर लौट रही छात्रा बुरी तरह जख्मी हुई उसका जहां पर टूटा वहीं छाती पर गम्भीर चोट आई है. ऐसे और भी अनगिनत उदाहरण हैं. अब आलम यह है धीरे धीरे यह अतिक्रमण तेजी से बढ़ने लगा है मजदूर वर्ग के लोग भी दो चार किलो मक्का यत्र तत्र सूखा रहे हैं घर बनाने वाले सड़क पर मसाला भी तैयार जमकर कर रहे हैं साथ ही बेधड़क लोग सड़क पर ट्रैक्टर लगा मक्का भी तैयार करते हैं. राहगीरों द्वारा ऐसा न करने की बात कहने अथवा विरोध करने पर लोग उलझ भी जाते हैं जिससे कई जगह गाली गलौज व मारपीट की नौबत आ जाती है.
यह पूरी तरह नियमों की अवहेलना है. गम्हरिया सीमा पर तो हद ही है वहां पुलिस की मौजूदगी में दोनों ओर मक्का सुखाया जा रहा है. एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष राठौर ने डीएम मधेपुरा से आग्रह किया है कि यथाशीघ्र इस पर संज्ञान लेते हुए सड़क पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण करने वाले को रोका जाए और सख्त कार्रवाई भी की जाए अन्यथा मनोबल बढ़ जाने के बाद प्रशासन के लिए भी यह गले में फंसी हड्डी साबित होगी. बाजारों में हो रहे अतिक्रमण महज जाम के कारण हैं लेकिन फसल सुखाने वाला अतिक्रमण जान जाने का बड़ा कारण बन रहा है. एक महीने के अंदर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मक्का सुखाने के कारण हो रही सड़क दुर्घटना जिला के लिए चिंता का विषय बन गया है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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