प्रबन्ध समिति की बैठक में शिक्षाशास्त्र डीन अथवा किसी हेड को नहीं बुलाना मनमानी - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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18 नवंबर 2022

प्रबन्ध समिति की बैठक में शिक्षाशास्त्र डीन अथवा किसी हेड को नहीं बुलाना मनमानी

मधेपुरा: आंतरिक कलह व विवादों को निपटाने के बजाय बीएनएमयू रोज किसी न किसी विवाद को जन्म देने का आदी हो चुका है।एआईएसएफ द्वारा उठाए मनोविज्ञान विभाग के आंतरिक कलह का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि वाम छात्र संगठन एआईएसएफ ने विश्वविद्यालय की एक और लापरवाही व मनमानी को उजागर कर बीएनएमयू की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. कुलाधिपति सह सूबे के राज्यपाल को लिखे पत्र में एआईएसएफ बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने विगत दिनों चौदह नवम्बर को विश्वविद्यालय मुख्यालय में कुलपति की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बीएड से जुड़ी प्रबन्ध समिति की बैठक पर सवाल खड़ा किया है. 

राठौर ने कहा है कि विश्वविद्यालय अन्तर्गत संचालित बीएड कॉलेजों के शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने व अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन आश्चर्यजनक है कि बैठक में शिक्षा शास्त्र संकाय के डीन को नहीं आमन्त्रित किया गया. राठौर ने कहा कि सर्वाधिक दुखद पहलू यह है कि डीन बनने के बाद उन्हें आजतक किसी भी सम्बन्धित बैठक का हिस्सा नहीं बनाया गया. डीन को दरकिनार कर बैठक करना अथवा फैसला लेना उनके अपमान से कम नहीं है. वहीं दूसरी ओर बीएनएमयू कुलसचिव द्वारा समिति के सदस्यों को जारी पत्र में चार प्रभारी प्रधानाचार्य को प्रधानाचार्य दिखाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए राठौर ने कहा है कि यह कौन सी नई परम्परा शुरू हो गई है कि प्रभारी प्रधानाचार्यों को प्रधानाचार्य के रूप में दर्शाया जा रहा है इससे कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं जबकि पूरे विश्वविद्यालय में मात्र दो ही स्थाई प्रधानाचार्य हैंै. 

प्रधानाचार्य व प्रभारी प्रधानाचार्य में काफी अंतर है. पहले के सभी प्रकार के पत्रों में प्रभारी प्रधानाचार्य अथवा प्रोफेसर इंचार्ज दर्शाया गया है. कुलसचिव के हस्ताक्षर से जारी पत्रों में गलतियों के उजागर होने पर सवाल खड़ा करते हुए राठौर ने कहा कि जिम्मेदार कुर्सी से गैर जिम्मेदार हरकत शोभनीय नहीं है. दूसरी ओर राठौर ने कहा कि यह दुनिया का पहला आश्चर्य है कि शिक्षा शास्त्र से जुड़े बिंदुओं पर बैठक की जाती है और उसमें शिक्षा शास्त्र से जुड़े एक भी सदस्य को नहीं रखा जाता है साथ ही बैठक के लिए भेजे पत्र में तारीख तेरह नवम्बर दिया गया है और बैठक चौदह नवम्बर को की गई है. लिखे पत्र में राठौर ने मांग किया है कि ऐसे गैर जिम्मेदार हरकत पर अविलंब रोक लगाने की जरूरत है क्योंकि पदाधिकारियों की करतूत के बाद आखिर में दांव पर बीएनएमयू की प्रतिष्ठा ही लगती है. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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