सत्संग में भंडारा का भी आयोजन किया गया था जहां सत्संग प्रेमियों ने प्रसाद ग्रहण किया. इस मौके पर महर्षि मेंही परमहंस के परम शिष्य स्वामी निर्मलानंद ने सत्संग एवं कर्मफल पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला. स्वामी निर्माणलनंद बाबा ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि गुरु और भगवान ही मनुष्य को इस क्षणभंगुर संसार से बेड़ा पार कर सकता है.
उन्होंने कहा कि इंसान को कोई भी काम बिना सोचे समझे और विचार किए नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर सफलता में संदेह बना रहता है. संतों की वाणी पर अमल नहीं करने पर कोई लाभ नहीं होगा. मानव जीवन की दशा और दिशा को बदलने के लिए भगवान का सानिध्य आवश्यक है वही सत्संग में भाग लेने पर सोने पर सुहागा होता है और इंसान के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन हो जाता है.
वही देर शाम भजन संध्या स्थानीय कलाकार द्वारा भजन संध्या का भी आयोजन किया गया सत्संग को सफल बनाने में बैद्यनाथ बाबा मनोज कुमार प्रो रमेश कुमार रूपेश कुमार विवेक कुमार विनीत कुमार आदि की भूमिका रही.
(रिपोर्ट:- मोहन कुमार)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....