मधुबनी
हाँ मैं अपनी मौत का इंतजार कर रहा हूं. यह सुन कर आप के दिल में कही ना कही कोई सवाल उत्पन होती होगी पर यह सच है. हर रोज कही ना कही बस दुर्घटना में किसी ना किसी व्यक्ति की मौत की खबर आपको सुनने को मिल ही जाता होगा.
हम बात कर रहें है मधुबनी से पटना जाने वाली बस हवा-हवाई जो बिहार स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड की ओर से हर रोज अपने नियत समय से मधुबनी से खुल कर बिहार की राजधानी पटना तक जाती है. इस बस का हाल यह है की अगर कोई सवारी एक बार बस में चढ़कर बैठ गया तो बहार निकलने के बारे में सोच भी नहीं सकते है. इसमें पैसेंजर के लिए बस से बाहर निकलने की कोई व्यवस्था नहीं है.
इसी दौरान मधुबनी निवासी सुभाष कुमार ने जब मंगलवार को बस वाले से पूछा की भैया ये दरवाजा ठीक क्यों नही करते, अगर यात्री को बाहर जाना हो तो कैसे जाएगा ? मैं, हूँ दरवाजा खोलने के लिए. चलिए मान लिए आप खोल दोगे, अगर किसी कारण या अनहोनी के वजह से कोई दुर्घटना हो जाए तो क्या होगा? ये सवाल यात्री खुद से करता है. यात्री से बात करने का कोई तरीका नहीं होता है, बस के कांट्रेक्टर और खलासी के पास.
वो ऐसे बात करते हैं जैसे कोई जानवर इसके गाड़ी में लदा हो. बस वाले को यात्री के पैसे से मतलब है. यात्री के जान से नहीं. आए दिन होते हादसे से इनको कोई मतलब नहीं होता बस के मालिकों को. क्या इंसान के जान की कीमत नहीं इस भाग-दौड़ की दुनिया में? बिहार राज्य सड़क परिवहन(BSRTC) के अन्तर्गत "हवा हवाई"(बस नं. :- BR 21 L 9222) वातानुकूलित(A/C) ये बस चलती है. समय 11: 30 अपराह्न(AM) में पटना से मधुबनी के खुलती है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
हाँ मैं अपनी मौत का इंतजार कर रहा हूं. यह सुन कर आप के दिल में कही ना कही कोई सवाल उत्पन होती होगी पर यह सच है. हर रोज कही ना कही बस दुर्घटना में किसी ना किसी व्यक्ति की मौत की खबर आपको सुनने को मिल ही जाता होगा.
हम बात कर रहें है मधुबनी से पटना जाने वाली बस हवा-हवाई जो बिहार स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड की ओर से हर रोज अपने नियत समय से मधुबनी से खुल कर बिहार की राजधानी पटना तक जाती है. इस बस का हाल यह है की अगर कोई सवारी एक बार बस में चढ़कर बैठ गया तो बहार निकलने के बारे में सोच भी नहीं सकते है. इसमें पैसेंजर के लिए बस से बाहर निकलने की कोई व्यवस्था नहीं है.
इसी दौरान मधुबनी निवासी सुभाष कुमार ने जब मंगलवार को बस वाले से पूछा की भैया ये दरवाजा ठीक क्यों नही करते, अगर यात्री को बाहर जाना हो तो कैसे जाएगा ? मैं, हूँ दरवाजा खोलने के लिए. चलिए मान लिए आप खोल दोगे, अगर किसी कारण या अनहोनी के वजह से कोई दुर्घटना हो जाए तो क्या होगा? ये सवाल यात्री खुद से करता है. यात्री से बात करने का कोई तरीका नहीं होता है, बस के कांट्रेक्टर और खलासी के पास.
वो ऐसे बात करते हैं जैसे कोई जानवर इसके गाड़ी में लदा हो. बस वाले को यात्री के पैसे से मतलब है. यात्री के जान से नहीं. आए दिन होते हादसे से इनको कोई मतलब नहीं होता बस के मालिकों को. क्या इंसान के जान की कीमत नहीं इस भाग-दौड़ की दुनिया में? बिहार राज्य सड़क परिवहन(BSRTC) के अन्तर्गत "हवा हवाई"(बस नं. :- BR 21 L 9222) वातानुकूलित(A/C) ये बस चलती है. समय 11: 30 अपराह्न(AM) में पटना से मधुबनी के खुलती है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)