दोषी पदाधिकारी के कारण मो शाहबाज के बहुमूल्य दो साल क्लास के बजाय कोर्ट के चक्कर में हुए बर्बाद - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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5 दिसंबर 2022

दोषी पदाधिकारी के कारण मो शाहबाज के बहुमूल्य दो साल क्लास के बजाय कोर्ट के चक्कर में हुए बर्बाद

मधेपुरा: बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन में हुई धांधली, रोस्टर में अनदेखी व सीट से अधिक एडमिशन के मामले में पीड़ित छात्र के हक में आए फैसले के बाद रोज नए नए मामले सामने आ रहे हैं. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दोषियों से उसूल कर पीड़ित छात्र को पांच लाख हर्जाना देने के आदेश आते ही छात्र संगठन एआईएसएफ ने आक्रमक रुख अख्तियार किया है और कुलपति एवम् कुलसचिव को पत्र लिख त्वरित संज्ञान लेते हुए दोषियों को चिन्हित कर उनके नाम उजागर करने में विलंब पर कड़ा ऐतराज जताया है. कुलपति व कुलसचिव को लिखे पत्र में राठौर ने विगत कुछ दिनों में बीएनएमयू के लगातार विवादों से जुड़ते मामलों पर गहरी नाराजगी जताई है. 

एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि दो दिसम्बर को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन प्रकरण में दोषी मानते हुए विश्वविद्यालय पर पांच लाख का जुर्माना विश्वविद्यालय की आंतरिक कुव्यवस्था व पदाधिकारियों की मनमानी को उजागर करने वाला रहा. उसके बाद भी दोषियों को तत्काल चिन्हित कर उन पर कारवाई के बजाय गोलमटोल आधिकारिक जवाब सामने आ रहा है जो दुखद है. जब विश्वविद्यालय ने बीएनएमयू कुलसचिव के माध्यम से ही माननीय उच्च न्यायालय में यह स्वीकार किया कि गलती हुई और किसके द्वारा हुई वहीं दूसरी ओर माननीय न्यायालय ने अपने फैसले में भी साफ किया है कि किसकी गलती से छात्र के साथ अन्याय हुआ फिर दोषियों को सामने लाते हुए उन पर कार्रवाई में विलंब क्योंं. 

विलंब पर सवाल खड़ा करते राठौर ने कहा कि हमारी व्यवस्था जब बलात्कारियों व कातिलों का नाम उजागर करती है तो फिर बीएड प्रकरण के दोषियों का क्यों नहीं. ये इससे ऊपर के दोषी तो नहीं. लिखे पत्र में राठौर ने दोषी पदाधिकारियों के हरकत के कारण मो शाहबाज को विगत दो वर्ष का समय क्लास में गुजार डिग्री की अहर्ता पूरा करने के बजाय कोर्ट के दौड़ धूप में गुजारने व डेढ़ दर्जन छात्रों द्वारा पूरी प्रकिया के बाद भी रिजल्ट से वंचित होने को सबसे बड़ा अपराध बताते हुए इसे अक्षम्य बताया वहीं एआईएसएफ की तरफ से ध्यान भी आकृष्ट कराया कि माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में याचिका को मैन्डेमस नेचर का बताया है तथा नामांकन के संबंध में पिक एंड चूज, रोंगफुल, इलीगल जैसे शब्दों का प्रयोग किया है जो साफ साफ गंभीर आपराधिक मामला बनता है. 

राठौर ने कुलपति व कुलसचिव को लिखे पत्र में कहा है कि अविलंब बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन प्रकरण से जुड़े दोषियों को चिन्हित कर उनसे पांच लाख रुपए की राशि उसूल कर मो शाहबाज को तो दिया ही जाए साथ ही दोषियों पर थाना में यथाशीघ्र अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए जिससे ऐसी हरकत करने वाले पदाधिकारियों को सही नसीहत मिले. अभिलंब चिन्हित व एफआईआर नहीं करने की स्थिति में एआईएसएफ बीएनएमयू ने आंदोलन की भी चेतावनी दी है. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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