राष्ट्रीय क्लास के मॉनिटर व बेस्ट स्टूडेंट बनना खास लम्हा
एआईएसएफ को अलविदा कहने वाले राठौर ने कहा कि संगठन से जुड़ी उनकी कई खास यादें हैं जिसमें राष्ट्रीय क्लास के मॉनिटर व बेस्ट स्टूडेंट बनना यादगार लम्हा रहा. इसके अतिरिक्त संगठन से जुड़े साथियों और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से उन्हें बहुत सारा स्नेह मिला. राठौर ने कहा कि संगठन छोड़ने के बाद भी छात्र हितों की लड़ाई में संघर्ष जारी रहेगी बतौर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष छात्रहित के मुद्दों पर संघर्ष और धारदार होगा. उन्होंने कहा कि संगठन को लेकर उनके कई सपने थे जिसे वो मुकाम तक नहीं ले जा सके जिसका उन्हें मलाल रहेगा. राजनीति की नई पारी में उसे पूरा करने का हर सम्भव प्रयास किया जाएगा.
12 व 15 दिनों के आमरण अनशन और चर्चित बीएड प्रकरण में संघर्ष यादगार पड़ाव
एआईएसएफ के साथ अपने लम्बे जुड़ाव को याद करते राठौर ने कहा कि बीएनएमयू के तत्कालीन कुलपति प्रो विनोद कुमार के कार्यकाल में छात्रहित के मुद्दों पर बारह और पंद्रह दिनों के आमरण जो बीएनएमयू इतिहास का सबसे लंबा अनशन रहा छात्र राजनीति में बड़ा संघर्ष रहा जिसमें समाज के सभी वर्गों का ऐतिहासिक समर्थन मिला था. वहीं निवर्तमान कुलपति के कार्यकाल में चर्चित बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन प्रकरण में लगभग दो साल तक चला आंदोलन बहुत प्रभावकारी और विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाने वाला रहा. छात्रराजनीति में फ्री गर्ल्स, एससी एसटी एजुकेशन, गर्ल्स हॉस्टल, बीएनएमयू की पत्रिका जैसे बिंदुओं को चर्चा में लाने में सफलता प्राप्त हुई. एआईएसएफ को अलविदा कह चुके राठौर ने छात्र राजनीति में विभिन्न क्षेत्रों से मिले सहयोग और मार्गदर्शन का आभार व्यक्त करते हुए संगठन के और मजबूत होने की कामना की है.
(रिपोर्ट:- ईमेल)