कैप्टन कुमार ने ज्ञापन में बताया है कि एनसीसी महानिदेशक, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी- 2020) के अंतर्गत स्नातक स्तरीय च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में सामान्य ऐच्छिक विषय (जेनरल इलेक्टिव सब्जेक्ट) के रूप में शामिल करने की सिफारिश की. इसी आलोक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली द्वारा देश के सभी सरकारी एवं निजी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में एनसीसी को विषय इसमें चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत एक ऐच्छिक विषय (इलेक्टिव सब्जेक्ट) के रूप में शामिल करने का पत्र जारी किया है. इसी कड़ी में राज्यपाल सचिवालय, राजभवन, बिहार, पटना द्वारा भी संदर्भित पत्र जारी किया गया. लेकिन कैप्टन कुमार ने खेदपूर्वक कहा है कि अभी तक बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय के स्नातक स्तरीय सीबीसीएस पाठ्यक्रम में एनसीसी को एक सामान्य ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल नहीं किया गया है.
उन्होंने बताया कि एनसीसी का राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सामाजिक सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और इसके स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम का अंग बनने पर इसके गौरवशाली इतिहास में एक नया आयाम जुड़ेगा. इससे युवा पीढ़ी एनसीसी की ओर आकर्षित होगी, जो प्रकारांतर से विकसित भारत@2047 अभियान में उत्प्रेरक साबित होगा. इस कोर्स के जरिए विद्यार्थी एनसीसी के प्रेरणादायक इतिहास एवं गौरवशाली परंपराओं में शिक्षित एवं दीक्षित हो सकेंगे और उन्हें युद्ध कौशल, आपदा- प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय एकता, नागरिक मामले, सामाजिक जागरूकता, सामुदायिक विकास, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण-संरक्षण आदि का भी ज्ञान प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि इस कोर्स से विद्यार्थियों में अनुशासन, राष्ट्रप्रेम, निस्वार्थ सेवाभाव एवं अन्य चारित्रिक गुणों का विकास होगा और भारतीय सेना जैसे गौरवशाली क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा. इसके अलावा विद्यार्थी अन्य सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार प्राप्त करने में दक्ष होंगे और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार एवं उद्यम भी कर सकेंगे.
कैप्टन कुमार ने विश्वास व्यक्त किया है कि राज्यपाल-सह- कुलाधिपति के आदेश से शीघ्र ही सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तरीय च्वाइस बेस्टड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत एनसीसी को एक सामान्य ऐच्छिक विषय (जेनरल इलेक्टिव सब्जेक्ट) के रूप में शामिल किया जाएगा. इससे विद्यार्थी काफी लाभान्वित होंगे और यह समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण की दिशा में भी एक ठोस पहल साबित होगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....