नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच बसे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. कोसी के डिस्चार्ज की मात्रा जहां एक लाख क्यूसेक के आसपास थी. कोसी बराज से निस्सरित किया गया पानी लगभग 10 से 12 घंटे के बाद जिले की सीमा में फैलेगा और नदी के अंदर बसे गांव बाढ़ में डूब जायेंगे. नदी में बाढ़ आने से जिले के नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ प्रखंड के दर्जनों गांव नदी में डूब जायेंगे. जहां रह रहे लगभग डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित होगी. उन्हें गांव से निर्वासित हो तटबंध अथवा किसी ऊंचे स्थलों पर शरण लेना होगा. वहीं कई गांव के अस्तित्व को बचा पाना भी मुश्किल होगा. समय रहते लोगों के सचेत नहीं होने के कारण अंदर बसे लोगों की परेशानी एकाएक बढ़ने की संभावना है. घर-द्वार समेट तटबंध के बाहर आने के लिए नाव की व्यवस्था, मवेशियों को बाहर निकालने व उनके लिए चारे की व्यवस्था सब परेशान करेगी. इधर प्रशासन को भी सभी बाढ़ आश्रय स्थल को पनाह देने योग्य तैयार करना होगा. अंदर के लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पर्याप्त संख्या में नाव की व्यवस्था करनी होगी. इसके अलावे पूर्वी तटबंध पर बने बढ़े-बढ़े रेनकट को भी अभी तक नहीं भरा जा सका है. जिससे तटबंध पर गाड़ियों के परिचालन में कठिनाई होगी. बता दें कि 72 से 85वें किलोमीटर के बीच जानलेवा रेनकट हैं. जिन्हें सैंडबैग से रोकने की खानापूरी भर की गई है. रेनकट के बढ़ते दरार व दायरे से तटबंध पर भी नदी का दबाव बने, तो बढ़ी बात नहीं होगी.
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- अमित आन्दन)
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- अमित आन्दन)