जलस्तर में वृद्धि के साथ ही कोसी नदी का कटाव फिर से शुरू हो गया है. 2015 में बगहा खाल, विरजेन, रामपुर छतवन सहित कई गांव का कोसी के कटाव के कारण अस्तित्व ही समाप्त हो गया था. इस वर्ष कोसी के निशाने पर केदली पंचायत का छतवन गांव है. अब तक नदी ने आधे दर्जन से अधिक परिवारों को विस्थापित कर दिया है. वहीं दर्जनों परिवार कोसी के कटाव की जद में हैं. रविवार को कोसी बराज से 1,23,605 क्यूसेक जल स्तर रिकार्ड किया गया. जो शनिवार के जल स्तर से पच्चीस हजार क्यूसेक अधिक है. मिली जानकारी के अनुसार कोसी के जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना जतायी जा रही है. अब तक छतवन गांव के आठ, केदली का एक व हाटी पंचायत के मुरलीपुर के दो परिवार को नदी ने विस्थापित कर दिया है. इन्हें अंचलाधिकारी शफी अख्तर ने सरकारी प्रावधान के अनुसार प्लास्टिक, अनाज व नगदी राशि उपलब्ध करा दी है. छतवन गांव के कटाव पीड़ित परिवार बैजू यादव, लक्ष्मण पंडित, सुरेश यादव, मो तोसिफ सहित अन्य ने बताया कि तटबंध व ऊंचे स्थानों पर उनकी ज़िन्दगी कब तक कटेगी. अब तो बाढ़ अवधि के बाद ही किसी ऊंचे स्थान पर फिर से ज़िंदगी बसाने की जद्दोजहद शुरू करनी पड़ेगी. कोसी नदी ने जिस प्रकार से 250 परिवार वाले इस गांव का कटाव शुरू किया है. इससे लगता है कि फिर से एक बार केदली पंचायत का छतवन गांव कोसी की धारा में समा जायेगा. और रह जायेगा सिर्फ विस्थापन का एक और दर्द. विस्थापन का दर्द झेलने को विवश हैं केदली पंचायतवासी केदली पंचायत व कोसी का रिश्ता भी अजीब रहा है. कोसी इस पंचायत को अपनी कटाव के जद में लेती रही. लोग ऊंचे स्थानों पर जाते रहे. नदी गांव के करीब आती रही. पहली बार केदली पंचायत पर कोसी की काली नजर 1982 में पड़ी. उसके 16 वर्ष तक सब ठीक रहा. दूसरी बार 1998, तीसरी बार 1999, चौथी बार 2001. इसके बाद 2010 से लगातार 2011, 2012, 2013, 2014, 2015 में गांव कटता रहा. कभी केदली तो कभी रामपुर तो कभी बगहा खाल तो कभी पहाड़पुर तो कभी घोबियाही तो कभी छतवन तो कभी असेय या केदली. कुल मिलाकर प्रत्येक वर्ष कोसी के कटाव की जद में नवहट्टा प्रखंड का केदली पंचायत कोसी के कारण विस्थापन के दर्द को झेलने पर मजबूर होता है.
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- अमित आन्दन)
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- अमित आन्दन)