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30 मई 2018

बैंकिंग व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका, हड़ताल पर 10 लाख बैंककर्मी

मधेपुरा
देश के सभी सरकारी बैंकों के अलावा कुछ निजी व विदेशी बैंकों के तकरीबन 10 लाख कर्मचारी बुधवार से दो दिनों की हड़ताल पर जा रहे हैं. हड़ताल से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ने की आशंका है लेकिन इसका सबसे ज्यादा खामियाजा सरकारी बैंकों को उठाना पड़ सकता है.
                           सरकारी क्षेत्र के 17 बैंकों को पिछली तिमाही में 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हो चुका है. ये बैंक आगे का काम चलाने के लिए सरकार से अतिरिक्त वित्तीय मदद मांग रहे हैं. ऐसे में दो दिनों की हड़ताल से इन पर वित्तीय दबाव और बढ़ सकता है. एनपीए वसूली जैसी गतिविधियों पर भी असर होगा. इस हड़ताल से बैंक ग्राहकों पर भी असर होगा.
                                     चूंकि हड़ताल महीने के अंतिम दो दिनों (30 व 31 मई) को हो रही है, इन दो दिनों में तमाम सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है. हड़ताल के चलते इसमें देरी हो सकती है. बैंक कर्मचारियों के तमाम संगठनों का शीर्ष संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) और केंद्र सरकार के बीच इस हड़ताल को टालने के लिए बुलाई गई वार्ता असफल साबित हुई है.
बैंककर्मी 30 मई से करेंगे दो दिन की हड़ताल
एसबीआइ, बैंक आफ बड़ौदा, केनरा बैंक समेत कई बैंकों ने अपने कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने के खिलाफ चेतावनी दी है लेकिन इसका असर होता नहीं दिख रहा है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि पिछले पांच वर्षो से कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी नहीं हुई है.
                                       कर्मचारी संगठनों और भारतीय बैंकसंघ (आइबीए) के बीच इस बारे में दस दौर की बातचीत हुई लेकिन उसका खास नतीजा नहीं निकला. इनका यह भी कहना है कि आइबीए की तरफ से वेतन व भत्तों में महज दो फीसद वृद्धि का प्रस्ताव किया गया था जो मंजूर नहीं है.
एटीएम हो सकते हैं खाली
कैश के मामले में एटीएम व बैंक के भरोसे रहने वाले सभी लोगों के लिए यह जरूरी खबर है. 30 और 31 मई को बैंक बंद रहने की वजह से एटीएम सर्विस प्रभावित हो सकती है. दो दिन एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है.
नेट बैंकिंग के दौर में असर कम होगा
जानकारों का मानना है कि इस बार हड़ताल का आम ग्राहकों पर होने वाला असर कम होगा. पहले जिस तरह से बैंकिंग हड़ताल से आर्थिक गतिविधियां ठप हो जाती थीं, वैसा नहीं होगा. इसके पीछे वजह यह है कि अब डिजिटल भुगतान की वजह से काफी कुछ बदल गया है.
                                           बैंक शाखाओं में काम नहीं होने के बावजूद ग्राहक ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे. बैंक इस बात का खास ख्याल रख रहे हैं कि डिजिटल भुगतान व्यवस्था में कोई परेशानी न हो. साथ ही यूपीआइ व अन्य भुगतान एप के जरिये भी लेनदेन में कोई परेशानी नहीं होगी. बैंकों की तरफ से एटीएम में पर्याप्त नकदी डालने की कोशिश की जा रही है ताकि लोगों को नकदी मिलने में भी कोई दिक्कत न हो.
निजी और सहकारी बैंक नहीं होंगे शामिल
वेतन में अल्पवृद्धि की मांग को लेकर 30 और 31 मई की हड़ताल में निजी और सहकारी बैंक शामिल नहीं होंगे. हालांकि यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिला मंत्री एमके चौहान और यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक एवं स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन के सर्किट डेलीगेट विमल कपूर ने निजी बैंकों और सहकारी बैंकों को भी हड़ताल का समर्थन करने की अपील की है.
(रिपोर्ट:- मधेपुरा खबर टीम)  

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