चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी चर्चा धीरे-धीरे बहस में बदल जाती है - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

2 जनवरी 2019

चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी चर्चा धीरे-धीरे बहस में बदल जाती है

मधेपुरा
इस समय लोकसभा चुनाव की सरगर्मी अपने चरम है. हालांकि चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है. पर अभी से ही शहर में यहां-वहां पान या चाय की दुकानों पर चुनावी चर्चा होना भी आम बात है.
        जितने लोग उतनी बात, सभी की अपनी-अपनी सोच और विचार. कोई कहे शरद तो कोई कहे पप्पू तो कुछ लोग भाजपा प्रत्याशी को जिले के लिए योग्य सांसद होने की सलाह दे रहे हैं. लेकिन यह तो वक्त ही बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा, कौन पहुंचेगा संसद और कौन लोटेगा घर.
                 इस चुनावी चर्चा परिचर्चा में अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने और उसकी खासियत गिनाने वाले उनके समर्थक आपसी बहस में इतने उत्तेजित हो जाते है कि वह अपने लोकप्रिय प्रत्याशी की विरोधियों से आलोचना सुन चाय ठसक-कर चले जाते हैं. कुछ यही नजारा पुरानी कचहरी समीप मनीष की चाय की दुकान पर अक्सर देखने को मिल जाता है.
                 सुबह पांच से खुलने वाली इस दुकान पर सुबह-सुबह चाय की चुस्कियों के साथ चुनावी चर्चा धीरे-धीरे बहस में बदल जाती है. जैसे-जैसे सूरज सिर पर चढ़ता है वैसे ही चुनावी बहसों का मुद्दा गर्माना शुरु हो जाता है. रेलवे स्टेशन चौक पूर्णिया गोला चौक, सुभाष चौक, थाना चौक, कॉलेज चौक, बस स्टैंड चौक आदि जगहों पर भी यह नजारा देखने को मिल रहा है.
             अपनी-अपनी राय शुमारी करते विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के समर्थक चाय की चुस्कियों के साथ-साथ चुनावी चस्के का भी भरपूर आनंद ले रहे हैं. ऐसे में इन चुनावों में चाय की चुस्की के साथ लगने वाली चौपाल इस चुनावी रंग को और भी चटख और रंगीन कर रही है. जिसका लोग जमकर लुफ्त ले रहे हैं.

Post Bottom Ad

Pages