छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, शनिवार को सुबह के अर्घ के साथ पर्व का होगा समापन - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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19 नवंबर 2020

छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, शनिवार को सुबह के अर्घ के साथ पर्व का होगा समापन

मधेपुरा: छठा पूजा के रंग में मधेपुरा रंगने लगा है. नहाय खाय से शुरू हुए त्योहार में गुरुवार को भगवान सूर्य और छठी मईया की पूजा की गई. खरना ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू कर दिया. गुरुवार को पंचमी को छठ महापर्व का दूसरा दिन रहा. सुबह से पूजा सामग्री की खरीदारी का दौर चलता रहा. शाम में नहाय खाय के 24 घंटे के बाद भगवान सूर्य और छठी मइया की पूजा अर्चना विधि-विधान से की गई. 


इसके बाद गन्ने के रस, गुड़, दूध की खीर और पूड़ी का भोग जलाकर खरना ग्रहण किया, साथ ही 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत को शुरू कर दिया. खरना ग्रहण करने के बाद व्रतियों ने पारम्परित छठ मइया के गीत जनकपुर मइहर दीह बेटी सीता-सम्मान, मांगिला हम वरदान ए छठी मइया, आधर लोग राह रोके, सूरज होहि न सहाय गाकर पूजा और अर्चना की. 

दोपहर तक चलता रहा खरीदारी का दौर

सूर्य उपासना का पर्व छठ पूजा में गुरुवार को खरीदारी का दौर चलता रहा. व्रतियों व उनके परिजनों ने पूजा की सामग्री को खरीदारी की. छठ के रंग में पूरा शहर नजर आया. छठ पर्व पर विशेष महत्व रखने वाले ठेकुआ बनाने के लिए व्रतियों ने गेहूं को धुला. उसे सुखाने के बाद पूरी शुद्धता के साथ पीसकर तैयार किया. 

डूबते और उगते सूर्य को अघ्र्य देगीं

खरना ग्रहण करने के 24 घंटे के बाद अस्तगामी सूर्य भगवान को प्रथम अघ्र्य गंगा जल, दूध का नदी तट पर अर्पण नदी पर किया जाता है. अगले दिन सुबह में उगते हुए सूर्य को जल अर्पित कर व्रत का समापन किया जाएगा.



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