बच्चों की आंखों में नेहरू तलाशते थे राष्ट्र का भविष्य: राठौर - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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17 नवंबर 2020

बच्चों की आंखों में नेहरू तलाशते थे राष्ट्र का भविष्य: राठौर

मधेपुरा: पण्डित नेहरू स्वाधीनता आंदोलन में गांधी के बाद सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे. वो आजादी के बाद से मृत्यु तक राष्ट्र के संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र के वास्तुकार माने जाते हैं. उक्त बातें वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद् सदस्य, राज्य उपाध्यक्ष सह बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने संगठन के द्वारा बाल दिवस व पण्डित नेहरू की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए कही. 

उन्होंने कहा कि बच्चों कि आंखों में राष्ट्र की तस्वीर तलाशने वाले पण्डित नेहरू का बच्चों से प्रेम उनकी फितरत में था. आधुनिक भारत के निर्माता भारत रत्न पण्डित नेहरू विश्व पटल के एक बड़े नेता के रूप में जाने गए. कई प्रतिभाओं के संगम नेहरू जी ने पिता के पत्र:पुत्री के नाम, मेरी कहानी, भारत की खोज, विश्व इतिहास की झलक आदि चर्चित किताबें भी लिखी जो आज भी बहुत पसंद की जाती हैै. 
छात्र नेता राठौर ने कहा कि उन्हें बच्चे इतने पसंद थे कि कई बार वो बच्चों के बीच इतने खो जाते थे कि उन्हें तय कार्यक्रमों में विलम्ब हो जाता था. उनका मानना था कि बच्चे ही देश के भविष्य हैं, इनके विकास में ही राष्ट्र का विकास है. बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू पुकारते थे यही कारण है कि उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर उन्होंने बच्चों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए अपील किया कि दीपावली ऐसा मनाएं जिससे अपने घर के साथ साथ समाज व राष्ट्र में भी उजाला हो. 
बाल दिवस के अवसर पर संगठन द्वारा जरूरतमंद बच्चों के बीच पठन पाठन की सामग्री व स्वीट्स का वितरण भी किया गया वहीं बच्चों के बीच कई प्रकार के खेल कूद की व्यवस्था कर भरपूर मनोरंजन किया गया. इस अवसर पर आंनद वती, लक्ष्मी, घनश्याम, प्रियंका आजाद, निषाद, मोहन, रूपेश, सत्यम, अजय, काजल, पुनीता, रौशन, मौशम, ओम आदि ने पण्डित नेहरू को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि भारत आजादी के आंदोलन और उसके बाद राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका अग्रणीय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. इस मौके पर दर्जनों की संख्या में बच्चे मौजूद थे. 

(रिपोर्ट:- ईमेल)
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