घैलाढ़: 7 नवंबर 2020 को कैप्टन आशुतोष ने देश के लिए अपनी शहादत दी थी और उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित भी किया गया. यह महान सम्मान शहीद कैप्टन आशुतोष की माताश्री श्रीमती गीता देवी एवं पिताश्री रविंद्र भारती को महामहिम राष्ट्रपति के हाथों प्रदान की गई. रविंद्र भारती के गुरु रहे प्रखर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी जिन्होंने शहीद पार्क मधेपुरा में शहीदी पट्टीका में शहीद कैप्टन आशुतोष का नाम अंकित कराया है. शहीद आशुतोष की प्रतिमा का अनावरण उनके पैतृक गांव परमानपुर (जागीर) में 7 नवंबर 2022 को उनके पिता रविंद्र भारती, माता गीता देवी एवं सैनिकगण कीर्ति नारायण यादव, ब्रह्मानंद यादव, केके मुखिया सहित आर्मी रेजीमेंट के पदाधिकारियों की मौजूदगी में सर्वप्रथम दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया डॉ. मधेपुरी ने.
एक शिलालेख जिस पर अंग्रेजी में शहीद कैप्टन आशुतोष की वीरता को विभाग द्वारा अंकित कराया गया था उसका अनावरण डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, मां गीता देवी, पिता रविंद्र भारती, सूबेदार कीर्ति नारायण यादव, जिला अध्यक्ष जयकांत यादव, पूर्व प्रमुख सियाशरण यादव, प्रो.गीता यादव (पूर्व जिला पार्षद), रामपुकार यादव, (पूर्व जिला पार्षद), महासचिव अरविंद कुमार आदि ने किया. उद्घाटन भाषण के संबोधन में विस्तार से शहीद कैप्टन आशुतोष की वीरता का बखान करते हुए डॉ. मधेपुरी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को संदर्भित करते हुए यही कहा- कलम आज उनकी जय बोल....... जो चढ़ गए सूली पर लिए बिना गर्दन का मोल.......! अंत में उन्होंने गांधी की शहादत की चर्चा भी विस्तार से तीन बंदरों को संदर्भित करते हुए कई.
मौजूद सभी वर्गों के लोगों ने शहीद आशुतोष के प्रति अपनी संवेदनायुक्त उद्गार व्यक्त किए. दिनभर देशभक्ति गीतों से जागीर गांव का वातावरण गूंजता रहा. लोगों ने शहीद कैप्टन की एक प्रतिमा प्रखंड में, दूसरी जिला में लगाने की मांग डॉ. मधेपुरी से की. बनवारी शंकर कॉलेज की प्रो. गीता यादव ने डॉ.मधेपुरी को भरपूर सहयोग देने का वचन दिया.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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