जब हर विभाग में होगी पुस्तकालय फिर सेंट्रल लाइब्रेरी शिफ्ट की जरूरत ही क्यों
विश्विद्यालय व नैक से जुड़े नियमों का हवाला देते एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि जब स्पष्ट निर्देश है कि हर पीजी विभाग की अपनी स्वतंत्र लाइब्रेरी होगी जिसका उपयोग संबंधित विभाग के शिक्षक व छात्र लेंगे तो ऐसे विभागीय पुस्तकालयों को बनाने के बजाय सेंट्रल लाइब्रेरी को पुराने से नए कैंपस में ले जाने की बात समझ से परे है. दूसरी तरफ राठौर ने कहा कि विश्वविद्यालय का नया कैंपस पूरी तरह सुनसान इलाके में है जहां शाम होने से पहले ही परिसर खाली होने लगता है हालात ऐसे की सुरक्षा के प्राथमिक जरूरत पुलिस चौकी, कैमरा तक की व्यवस्था नहीं और मेन रोड से एक डेढ़ किलोमीटर अंदर साधारण सवारी की सुविधा भी नहीं रहती प्रायः छात्र छात्राओं को पैदल ही जाना होता है ऐसे में यह साफ है कि इस फैसले में विश्वविद्यालय हित की नहीं बल्कि सेंट्रल लाइब्रेरी की आड़ में कोई और साजिश रची जा रही है. राठौर ने साफ शब्दों में कहा कि नए कैंपस में सभी विभागों में लाइब्रेरी खोलने के साथ सेंट्रल लाइब्रेरी को पुराने कैंपस में ही रखते हुए इसे चौबीस घंटे खुलवाने की पहल की जाए और इसे उपयोगी व समृद्ध बनाने की भी पहल हो अन्यथा यह मुद्दा आमजन के बीच में ले जाकर संघर्ष का रूप लेगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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