मधेपुरा: मधेपुरा का इतिहास काफी गौरवशाली है. हमें अपनी इस ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित करने और उससे प्रेरणा लेकर वर्तमान को संवारने की जरूरत है. यह बात कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. पी. रमण ने कही. वे मंगलवार 43वां मधेपुरा जिला स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मधेपुरा की पावन धरती ऐतिहासिक है. यहां कई संत, महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी, साहित्यकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि अतीत एवं वर्तमान से ही भविष्य की राह निकलती है. हमें अपने अतीत से प्रेरणा लें. वर्तमान का मूल्यांकन करें और भविष्य को सजाएं-संवारे. उन्होंने कहा कि बिहार में विद्यार्थियों में प्रतिभा एवं क्षमता की कमी नहीं हैै. ये विद्यार्थी ही हमारी आन, बान एवं शान हैं. वे जब अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होंगे और मेहनत करके आगे बढ़ेंगे, तो हमारा विकास होगा.
इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू डॉ. राजकुमार सिंह ने कहा कि यह सही है कि मधेपुरा देर से जिला बना है. लेकिन खुशी की बात है कि हाल के वर्षों में इसका काफी विकास हुआ है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति प्रो. राजीव कुमार मल्लिक ने कहा कि हमें जिला का सतत विकास करने के लिए कल्पनाशील होना होगा. हमें अपने शहर एवं जिला को स्वच्छ एवं हरा-भरा बनाना है. कुलानुशासक डॉ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि हमें गर्व है कि 1845 में ही मधेपुरा अनुमंडल था. लेकिन इसे जिला बनाने में काफी विलम्ब हुआ. विकास पदाधिकारी डॉ. ललन प्रसाद अद्री ने कहा कि मधेपुरा का इतिहास काफी गौरवशाली है. यहां कई महापुरुष हुए हैं. आईक्यूएसी (निदेशक) डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि मधेपुरा का इतिहास एवं सभ्यता-संस्कृति काफी समृद्ध है. लेकिन आज सबसे बड़ा सवाल है कि हमारा वर्तमान कैसे संवरेगा?
इस अवसर पर डॉ. नरेश कुमार, शंभू प्रसाद सिंह, डॉ. मो. अबुल फजल, डॉ. शंकर कुमार मिश्र, उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, शंभू नारायण यादव, डॉ. राजेश्वर राय, डॉ. मनोज कुमार, निशांत यादव, अभिषेक कुशवाहा, अरमान अली, राजेश कुमार, माधव कुमार, सांरग तनय, आनंद कुमार भूषण, निखिल कुमार, पल्लवी राय, सौरभ कुमार चौहान, बिमल कुमार, आमोद कुमार, सुषमा भारती, पावेल कुमार, मो. वसीमुद्दीन, स्वाति प्रिया, रजत कुमार, संजीव कुमार पासवान, विकास कुमार, मनोहर कुमार, अमित कुमार, रोशन कुमार, राम प्रवेश यादव आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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