पाठ्यक्रम में तबला, पखावज व शास्त्रीय नृत्य को शामिल करने की मांग - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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26 मई 2024

पाठ्यक्रम में तबला, पखावज व शास्त्रीय नृत्य को शामिल करने की मांग

डेस्क: भूपेंद्र मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत संगीत विषय में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में तबला, पखावज व शास्त्रीय नृत्य को भी सम्मिलित करने को लेकर एसएनएसआरकेएस कॉलेज संगीत विभागाध्यक्ष प्रो गौतम कुमार सिंह ने कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से मिलकर ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में संगीत के पुराने स्नातक पाठ्यक्रम में तबला, पखावज व शास्त्रीय नृत्य की भी पढ़ाई व परीक्षाएं होती आ रही है. वर्ष 2023 से इस विश्वविद्यालय में संगीत विषय में - स्नातकोत्तर की भी पढ़ाई शुरू हो गयी है. लेकिन इसमें सिर्फ गायन विषय को ही पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है. जबकि ताल संगीत का प्राण का होता है. इसी तरह चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में भी तबला, पखावज व शास्त्रीय नृत्य को सम्मिलित नहीं किया गया है. ऐसे में जो छात्र-छात्रा तबला, पखावज व शास्त्रीय नृत्य में स्नातक किये हैं उनका भविष्य अधर में हो जायेगा.

जबकि बिहार के बाहर सभी विश्वविद्यालयों में बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय इन सभी विश्वविद्यालयों में इन सभी विषयों की पढ़ाई होती है. उन्होंने आवेदन के साथ स्नातक के पुराने पाठ्यक्रम को महामहिम के अवलोकन के लिए दिया. साथ ही साथ अन्य विश्वविद्यालय के तरह यहां भी छात्र- छात्राओं का प्रवेश परीक्षा लेकर स्नातकोत्तर में नामांकन करने का आदेश देने की मांग की. बता दें कि जब बीएनएमयू में संगीत से स्नातकोत्तर की पढ़ाई नहीं होती थी तो उसे शुरू करवाने के लिए मधेपुरा के नाट्यशास्त्र से डिग्रीधारी अमित आनंद, सुनीत साना, अमित अंशु, मोहम्मद शहंशाह सहित अन्य लोगों ने विश्वविद्यालय में संगीत व नाट्यशास्त्र की पढ़ाई शुरू करवाने को लेकर कई वर्षों तक संघर्ष करने के बाद 2023 में सफलता मिली. हालंकि अभी सिर्फ संगीत से ही स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू हो पाई है, नाट्यशास्त्र की पढ़ाई शुरू करवाने को लेकर वे सभी अभी भी संघर्षरत है. 

उपरोक्त बातों पर बिहार संगीत योग्यताधारी प्रशिक्षित संघ और कलाकार संघ सहरसा के संरक्षक सह मीडिया प्रभारी मुकेश मिलन, अध्यक्ष कन्हैया सिंह कन्हैया, कुमार लाल दास, अरविंद कुमार अकेला, जितेंद्र जीतू, धीरेंद्र कुमार धीरज, रंजन राज, श्याम कुमार दास,ब्रजेश कुमार सिंह, सुंदर सामंजस, चिरंजीवी सामजस, नीरज कुमार शानू, चंदन मिश्रा, अनुप्रिया झा, कोयल वागीश, रोहिणी सिंह, मनोज राजा, चंचल छैला के साथ साथ संगीत के अनेक छात्र छात्रा ने हर्ष व्याप्त करते हुए कहा कि महामहिम राज्यपाल के आदेश बाद तबला, पखावज और नृत्य विषय को स्नातक एवं स्नातकोत्तर के नए पाठयक्रम में शामिल हो जाने से बिहार के छात्र छात्राओं को इन विषयों के अध्ययन के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना होगा. इस पुनीत कार्य के प्रयास के लिए संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रो. गौतम कुमार सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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