उन्होंने कहा कि हमारा संविधान दुनियाभर के 60 लोकतांत्रिक देशों के संविधान का मिश्रण है. इसे तैयार करने में 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन लगे. 26 नवंबर को हर साल देश में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है. 26 नवम्बर, 1949 को संविधान को अपनाया गया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. डॉ. सारंग तनय ने कहा कि भारत के पहले कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर को 1947 में संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया, और उन्हें देश का नया संविधान लिखने की जिम्मेदारी दी गई. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को भारतीय संविधान का पिता/जनक कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि एक संविधान किसी देश में शासन के लिए आधार प्रदान करता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि सभी के हितों और जरूरतों को ध्यान में रखा जाए. भारत एक विविधताओं का देश है. उन्होंने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैले विशाल भारत देश में सैकड़ों भाषाएं, बोली, पहनावे, खान-पान और अन्य विविधताएं देखने को मिलती है. ऐसे में संविधान ही वह कड़ी है जो हर भारतवासी को एक समान पिरोती है. संविधान देश के हर नागरिक को एक समान अधिकार देता है और एक समान नियमों में बांधता भी है. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, देश का सर्वोच्च कानून, मौलिक राजनीतिक संहिता, संगठनात्मक संरचना, संचालन प्रक्रियाओं और सरकारी संस्थानों की जिम्मेदारी के साथ साथ मौलिक अधिकारों, मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिकों के कर्तव्यों को परिभाषित करने के लिए रूपरेखा स्थापित करता है.हमारे देश का मूल दस्तावेज है संविधान जो हमें अपने नागरिकों अधिकारों की आजादी देता है. भारतीय संविधान लचीलेपन और कड़कता का बैलेंस है. मौके पर मनोज आर्या,विद्या कुमारी, अंशु कुमारी, शिवानी कुमारी, साक्षी कुमारी, नेहा कुमारी, संजना कुमारी, खुशबू कुमारी, सरिता कुमारी, राजा कुमार, अंकित कुमार, दिव्यांशु कुमार, प्रिंस कुमार, अनीश कुमार, मनीष कुमार, उपलक्ष्य कुमार, चंदन कुमार, लक्ष्मण कुमार, सुमित कुमार आदि मौजूद रहे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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