अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवेश करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे पहला लोकतंत्र है और हमें अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है. हम सबों की यह जिम्मेदारी है कि हम अपने लोकतंत्र को मजबूत करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में युवाओं की महती भूमिका है. अतः पहली बार मतदाता बने युवाओं को मतदान कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेने की जरूरत है. कार्यक्रम के अंत में सबों को शपथ दिलाई गई. "हम, भारत के नागरिक लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते है कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाये रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगें."
इस अवसर पर अर्थपाल डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, वनस्पति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बी. के. दयाल, डॉ. मनोज कुमार ठाकुर, डॉ. शहरयार अहमद, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, धनंजय कुमार, अंकित कुमार, अनंत कुमार झा, नीतीश कुमार, सौरभ कुमार, अभिषेक कुमार, अमरजीत कुमार, सबलू कुमार, सुमित कुमार, राजा कुमार, हिमांशु कुमार, काजल कुमारी, मुनचुन कुमारी, शालू कुमारी, वंदना कुमारी, प्रिया विश्वास आदि उपस्थित थे.(रिपोर्ट:- ईमेल)
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