बुधवार को पूर्णिया जंक्शन तक के एक-एक रेल प्वाइंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल सिस्टम तक की जांच मुख्य सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एवं टेक्निकल एक्सपर्ट द्वारा किया गया. इस दौरान मुख्य सुरक्षा आयुक्त पूर्वी जोन पी के आचार्या सहित समस्तीपुर डीआरएम सुधांशु शर्मा, कटिहार एडीआरएम ए के सिंह आदि उपस्थित थे. इस मौके पर वैदिक मंत्रोच्चारण और शंख ध्वनि के बीच नारियल तोड़ कर जांच प्रक्रिया आरंभ की गयी. बुधवार को सीआरएस जांच को लेकर सुबह से ही पूर्णिया जंक्शन पर ई. एफ रेलवे एवं पूर्वोतर रेलवे के अधिकारियों की मौजूदगी और स्थानीय लोगों की भीड़ लगी हुई थी. इस दौरान सदर विधायक विजय खेमका, रेलवे सलाहकार समिति सदस्य राज कुमार यादव, लाल बहादुर यादव सहित कई लोग मौजूद थे. सुबह 4 बजे से प्रारंभ हो गयी थी जांच . बुधवार को सुबह तकरीबन 4 बजे सीआरएस पी के आचार्या का सैलून कटिहार से पूर्णिया जंक्शन पहुंच गया था. कटिहार रेल मंडल के एडीआरएम ए के सिंह, सीनियर डीएनसी, डीसीएम तथा समस्तीपुर के डीएसटी के साथ ट्रॉली पर सवार सीआरएस श्री आचार्या ने केनगर से पूर्णिया तक के नई रेल लाइन के एक-एक प्वाइंट का सफल निरीक्षण किया. इतना ही नहीं पूर्णिया जंक्शन पहुंच कर फुटओवर ब्रीज, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल सिस्टम इत्यादि का निरीक्षण कर संबंधित इंजीनियरों से वार्ता के बाद वापस सहरसा लौट गये. गौरतलब है कि सीआरएस जांच मंगलवार को आरंभ हुई थी और केनगर तक जांच पूरी की गयी थी. 15 मई तक हो सकता है ट्रेनों का परिचालन आरंभ . सीआरएस जांच के बाद पूर्णिया सहरसा रेल मार्ग पर गाड़ियों के परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो गया है. हालांकि कब से इस रूट पर गाड़ियां दौड़ेगी यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन रेलवे से संबंधित अधिकारियों के अनुसार सीआरएस जांच से मिली हरी झंडी के बाद तत्काल ई. एफ. रेलवे और एन. एफ रेलवे के बीच तालमेल के बाद पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन आरंभ हो सकता है. लेकिन लंबी दूरी की गाड़ियां रेल मंत्रालय द्वारा उद्घाटन के उपरांत ही दौड़ सकेगी एक्सप्रेस गाड़ियां. जानकारी अनुसार सीआरएस जांच की रिपोर्ट पांच मई तक सौंपी जा सकती है. उसके बाद कम से कम एक सप्ताह का समय लगना तय माना जा रहा है. इस प्रकार कयास लगाये जा रहे हैं कि 15 मई से पहले ट्रेनों का परिचालन इस रेल खंड पर संभव नहीं हो सकता है.
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)