मधेपुरा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शनिवार को जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में गैर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के व्यापारीकरण और शैक्षणिक अराजकता पर रोक लगाने की मांग की गई. परिषद ने कहा कि अधिकतर निजी स्कूल हर साल मासिक शुल्क में भारी बढ़ोतरी करते हैं. यह अभिभावकों से अवैध वसूली का जरिया बन गया है. परिषद ने जिला स्तर पर जांच समिति बनाकर ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की. ज्ञापन में कहा गया कि निजी स्कूल हर साल ड्रेस बदलते हैं. ड्रेस एक ही दुकान से खरीदनी होती है. यह शिक्षा को व्यापार बनाने का उदाहरण है. परिषद ने मांग की कि ड्रेस कोड में कम से कम तीन साल तक कोई बदलाव न हो.स्कूल हर साल किताबें भी बदलते हैं. पहली कक्षा की किताबें 3000 से 3500 रुपए में मिलती हैं. जबकि सरकार ने एनसीईआरटी की किताबें तय की हैं. हर साल किताब बदलने से पर्यावरण को भी नुकसान होता है. तीन करोड़ पेड़ हर साल कागज बनाने में काटे जाते हैं. परिषद ने मांग की कि किताबों में भी तीन साल तक कोई बदलाव न हो. किताबें किसी एक दुकान से खरीदने की बाध्यता भी खत्म की जाए. मांगें नहीं मानी गई तो पूरे बिहार में अभिभावकों के साथ आंदोलन करेंगे. इस मौके पर प्रदेश सह मंत्री समीक्षा यदुवंशी, विभाग संयोजक सौरभ यादव, जिला संयोजक नवनीत सम्राट और नगर मंत्री अंकित आनंद मौजूद रहे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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