गुड़िया की मौत के कारण का पता चल गया है. उसके परिवार वालों ने ही सुपारी दे कर उसकी हत्या करायी थी. परिवार की प्रतिष्ठा बचाने के लिए पिता व मामा ने उसे प्रेम करने की सजा दी थी. इसका खुलासा पुलिस ने किया है. एएसपी राजेश कुमार ने गुड़िया हत्याकांड का उद्भेदन किया गया है. सदर थाना में प्रेसवार्ता के दौरान एएसपी ने बताया कि उसके परिजनों ने ही 60 हजार रुपये में सुपारी देकर उसकी हत्या करवायी. गुड़िया की स्वच्छंदता व अपने प्रेमी के साथ भाग जाने से गुड़िया के मामा और पिता काफी आहत थे. अपनी बेइज्जती तथा गुस्से को अंजाम देते हुए गुड़िया की हत्या के योजना को अंतिम रूप देते हुए लाश विजय घाट पुल में फेंकने के लिए दो जुलाई को चले. लेकिन तेज बारिश तथा कीचड़ में गाड़ी फंस जाने के कारण चौसा के खलीफा पोखर के पास गुड़िया को जहर खिलाकर और गला दबा कर मृत समझ कर फेंक दिया गया. लेकिन संयोग से गुड़िया की मौत तत्काल नही हुई. चौसा थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ने गुड़िया को इलाज के लिए सदर असपताल भरती कराया और फिर बेहतर इलाज के लिए दरभंगा तक भेजा. लेकिन आठ जुलाई को इलाज के दौरान गुड़िया की मृत्यु हो गयी. इस घटना को चुनौती के रूप में लेते हुए चौसा थानाध्यक्ष ने वरीय पदाधिकारियों से दिशा निर्देश लेकर गहन अनुसंधान शुरू किया और आखिर कार गुड़िया के पिता और मामा को गिरफ्तार किया गया. मामा और पिता ने स्वीकारा अपराध, पंजाब से कमा कर दिया था साठ हजार : आरोपी नवल से पूछताछ करने पर वे अपना अपराध स्वीकार किया. इस बाबत उन्होंने बताया कि अपने ननिहाल में गुड़िया मधेली में गजेंद्र शर्मा के प्रेम प्रसंग में फंस गयी. गजेंद्र शर्मा ने प्रेम में फंसाकर अपने दोस्त बिजेंद्र शर्मा एवं पप्पू शर्मा के साथ इस साल मार्च माह में अपहरण कर लिया तथा सहरसा व पटना में रखा था. इस घटना से वह अपने गांव परसी एवं मधैली में काफी बेइज्जती और अपमानित महसूस करने लगे. चार जून 2016 को गुड़िया पुन: मधेली अपने मामा के घर आयी. तब उनकी शादी तय की गयी. गुड़िया फिर गजेंद्र के साथ फरार हो गयी. यह बात परिवार वालों को नागवार गुजरी. पिता एवं मामा संजय यादव ने गुड़िया की हत्या कराने के एवज में 60 हजार रूपये दिये. हत्या को अंतिम रूप देने के लिए योजना अनुसार गुड़िया को विजय घाट पर संजय यादव व अन्य अपराधियों के साथ ले जाया जा रहा था. लेकिन बारिश और जाम होने के कारण खलीफा टोला के समीप गुड़िया को जहर खिला कर और गला दबाकर फेंक दिया गया. संयोगवश गुड़िया की मौत नहीं हो पायी और उसे पुलिस ने बरामद कर अस्पताल में भरती कराया. जहां उसकी मौत हुई. पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में पाया कि संजय यादव की ही हत्या करने में मुख्य भूमिका रही है. मामले के अप्राथमिकी अभियुक्त गजेंद्र शर्मा एवं अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)Post Top Ad
23 जुलाई 2016

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जिसने दिया जन्म उसने ही दे दी मारने की सुपाड़ी
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