आजादी के 69 वर्ष बाद भी पक्की सड़क को तरस रहे हैं साहुगढ़ जानकी टोलावासी. जिला मुख्यालय से केवल 3 किलो मीटर दूरी पर स्थित गाँव साहुगढ़ के जानकी टोला को जाने वाली सड़क आजादी से लेकर अबतक नहीं बन पाई हैं. स्थानीय लोगो का कहना है की गाँव से मुख्यालय जाने का एक मात्र रास्ता है, जो कि नदी के किनारे को चीरते हुए बनाई गई है. यह रास्ता हलाल टोला, भातु टोला, मुन्हारी महादलित टोला, सुखासन जवाहर नवोदय स्कूल को आने जाने का मुख्य रास्ता है लेकिन पंचायत राजनिति के कारण आजादी से आजतक गांववासियों को बारिस के मौसम में जिन्दगी और मौत से जूझना पड़ता हैं. बरसात के दिन तो कयामत के दिन होते है. बच्चो की स्कूल - कॉलेज का पढाई भी रुक जाती है. चुनाव आते ही गांववासियों में एक उम्मीद की किरण जग जाती है लगता है सड़क बन जाएगी लेकिन ये सब बस ख्यालों में ही रह जाते हैं. चुनाव के समय नेताओं द्वार बड़ी – बड़ी घोषणाएं भी किये जाते हैं. लेकिन बाद में मुँह मोड़ लिया जाता है. गाँव के लोगो ने कई बार इसकी लिखित शिकायत भी की परन्तु दु:खद बात तो यह है कि आज तक किसी की भी नजर इस रास्ते या गाँव की ओर नहीं पड़ी. परन्तु नए उम्मीदवारों के सामने आते ही लोगों के मन में फिर से एक आस बंधने लगती है लेकिन चुनाव परिणाम के बाद वही रवैय्या देखने को मिलता है. लोंग ऐसी परिस्थिति के आदि हो चुके हैं परन्तु सब्र की बांध अब टूट चुकी है. मधेपुरा खबर के सभी पठको के लिए पेश है स्मार्ट फोन एप्प डाउनलोड करने के लिए किलिक करें
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)