लगातार पिछले 12 दिनों से बीएनएमयू परिसर में संयुक्त छात्र संगठन द्वारा चल रहे आमरण अनशन को शुक्रवार को कुलपति डॉ. विनोद कुमार ने अनशनकारियों से मिलकर समझौता एवं वार्ता के बाद समाप्त करवाया. कुलपति ने दोनों छात्र नेताओं को पहले जूस एवं बाद में कोल्डड्रिंक पिलाकर अनशन समाप्त कराया. विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के बंद पड़े सभी काम – काज, कार्यालय शनिवार से पूर्व की तरह प्रांरभ हो जाएगा. कुलपति डॉ० विनोद कुमार शुक्रवार की सुबह यात्रा से लौटे, और आते ही अनशन स्थल पर पहुंच कर अनशन पर बैठे छात्र नेता हर्षवर्द्धन सिंह राठौर एवं मनीष कुमार के साथ विभिन्न मांगों पर वार्तालाप किए और उनकी मांगों को जरुरी बताते हुए सभी पहलुओं पर काम करने का विश्वास दिलाया तो कुछ विन्दुओं पर अपनी असमर्थता भी जताई, लेकिन छात्रों को यह आश्वासन दिलाया की वो अपनी तरफ से हर बेहतर प्रयास करने से नहीं चुकेंगे. दोनों छात्र नेताओं ने कुलपति महोदय से उनके सभी पहलुओं पर वार्ता के बाद एक बांड बनाने की बात की जिसमें हर एक मांगों को अंकित किया गया और उनके पूरा होने में लगने वाली समय – सीमा अंकित की गयी. वार्ता के दौरान छात्र नेता आक्रोशित भी हुए और छात्रों के दलों ने प्रतिकुलपति के विरूद्ध अपना आक्रोश भी जताया. उनके खिलाफ जमकर “जिंदाबाद – मुर्दाबाद, प्रतिकुलपति इस्तीफा दो” के नारे लगाए और इसी दौरान नारे लगाते शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके छात्र नेता राठौर कुछ मिनटों के लिए बेहोश भी हो गये, लेकिन उन्हें शीघ्र ही होश आ गया और फिर कुलपति ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया. बाद में वार्ता के अनुरूप कागज तैयार किया गया जिस पर कुलसचिव और अनशनकारी दोनों छात्र नेताओं ने हस्ताक्षर कर आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा की. इस आन्दोलन के कारण रूकी स्नातक पार्ट टू की परीक्षा और अन्य कार्य फिर से शुरू हो सकेगी. परीक्षा तिथि एवं अन्य कार्यक्रम की तिथियां भी शीघ्र ही निर्धारित की जाएगी. वार्ता के समय धरना स्थल पर एआईएसएफ के प्रदेश सचिव सुशील कुमार, सीपीआई एमएल के नेता रामचन्द्र राम, एआईएसएफ के जिला अध्यक्ष वसीमुद्दीन, सीपीआई के नेता प्रमोद प्रभाकर, विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा. जेपीएन झा और कुलसचिव डा. केपी सिंह के अतिरिक्त अभिषद सदस्य डा. रामनरेश सिंह और विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव डा. अशोक कुमार के साथ कुलानुशासक डा. विश्वनाथ विवेका, कुलपति के सचिव शंभू नारायण यादव आदि समेत कई छात्र – छात्राएं, निजी संस्थानों के संचालक, कार्यकर्तागण भी उपस्थित थे.
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)