मधेपुरा 17/03/2018
पूर्व मुख्यमंत्री सह हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि गरीब, दलित व वंचितों को उनका वाजिब हक मिले.
गरीब के बेटे को आगे बढ़ने से सरकार रोकना चाहती है ताकि हमेशा गरीबों का हकमारी कर सकें. पूर्व मुख्यमंत्री शनिवार को मधेपुरा स्थित बीएन मंडल स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सरकार व बड़े-बड़े पदाधिकारी नहीं चाहते हैं कि गरीब लोग आगे बढ़ें, वे चाहते हैं कि गरीब का नाम ले करके अपना रोटी हमेशा सेंकते रहें. उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री काल में अच्छा काम हो रहा था गरीबों के हित के लिए विभिन्न तरह के कार्यों को करना शुरू किया तो नीतीश कुमार समझ गए कि यह उनका सारा भेद खोल देंगे.
25 वर्षों में उनके द्वारा किए गए कार्यो का सारा काला चिट्ठा खोल देगें. नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले नीतीश कुमार ने तुरंत उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया. 15 महीना के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था पर तीन महीने के बाद जब हमने काम करना शुरू किया तो गरीबों व वंचितों के बीच बढ़ती लोकप्रियता से डर कर मुख्यमंत्री पद से हटा दिया.
ताकि गरीबों को विकास नहीं हो सकें. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम रबड़ स्टांप नहीं है, हम भी कुछ करना जानते हैं, हमने अपने मुख्यमंत्री के काल में 34 ऐसा निर्णय लिया जिसे देश के अन्य राज्यों में भी सराहा जाता है. पूरे राज्य में भूमि समस्याओं की भरमार हैं.
गरीबों को भूदान के जमीन का पर्चा मिल गया है परंतु अभी तक भूमिहीनों को कब्जा नहीं मिल सका है. सिलिंग की जमीन मिल गई है, लेकिन उस पर कब्जा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार बाहरी लोगों को सिर्फ आंकड़ा दिखाने के लिए भूमिहीनों को पर्चा दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ जुमलेबाजी हो रहा है, कहीं भी विकास नहीं हो रहा है. अभी हाल में खगड़िया में 80 घरों महादलितों के घरों को दबंगों ने जला दिया. यहीं विकास नीतीश कुमार के राज्य में हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि समाज शिक्षित होगा तो समाज में जागरूकता आएगी. गरीब लोग आगे बढ़ेंगे.
लेकिन ऐसा कैसे होगा सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती है. विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का घोर अभाव है. कुछ शिक्षक है भी तो उनलोगों को एक समान वेतन नहीं मिल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निर्णय लिया था कि सरकारी विद्यालयों के स्थिति को ठीक करने के लिए सभी शिक्षकों एक समान वेतन दिया जाएगा.
लेकिन सरकार उस निर्णय को लागू नहीं कर रही है. सत्ता में बैठे बड़े लोग हैं वे 80 प्रतिशत मूल निवासियों पर शासन कर रहे हैं. हम उन्हें दुश्मन नहीं मानते हैं परंतु उनलोगों को मानसिकता अभी भी नहीं बदला है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वे सरकार में आएंगे तो बिहार में लागू शराबबंदी कानून को हटाया जाएगा.
शराबबंदी अच्छा फैसला है, परंतु इस शराबबंदी कानून के वजह से केवल गरीब लोग ही फंस रहे हैं. अभी तक एक लाख तीस हजार गरीब लोगों को इस शराबबंदी कानून के वजह से आज जेल में है. गरीबों को बेवजह फंसाया जा रहा है. एक भी बड़े लोग शराबबंदी में नहीं पकड़ाया है जो भी पकड़ाया पैसा के बल पर छूट गया.
मौके पर हम के जिलाध्यक्ष मो. शौकत अली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था में आई है. आज गरीबों के आवाज को दबाया जा रहा है. मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष बीएन बसंत्री, मु. नूर आलम, ध्यानी यादव, रामचंद्र राउत, चंदन, डॉ. ओम नारायण सहित दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता व काफी संख्या में कार्यकर्ता व लोग उपस्थित थे.
पूर्व मुख्यमंत्री सह हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार नहीं चाहती है कि गरीब, दलित व वंचितों को उनका वाजिब हक मिले.
गरीब के बेटे को आगे बढ़ने से सरकार रोकना चाहती है ताकि हमेशा गरीबों का हकमारी कर सकें. पूर्व मुख्यमंत्री शनिवार को मधेपुरा स्थित बीएन मंडल स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि सरकार व बड़े-बड़े पदाधिकारी नहीं चाहते हैं कि गरीब लोग आगे बढ़ें, वे चाहते हैं कि गरीब का नाम ले करके अपना रोटी हमेशा सेंकते रहें. उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री काल में अच्छा काम हो रहा था गरीबों के हित के लिए विभिन्न तरह के कार्यों को करना शुरू किया तो नीतीश कुमार समझ गए कि यह उनका सारा भेद खोल देंगे.
25 वर्षों में उनके द्वारा किए गए कार्यो का सारा काला चिट्ठा खोल देगें. नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले नीतीश कुमार ने तुरंत उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया. 15 महीना के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था पर तीन महीने के बाद जब हमने काम करना शुरू किया तो गरीबों व वंचितों के बीच बढ़ती लोकप्रियता से डर कर मुख्यमंत्री पद से हटा दिया.
ताकि गरीबों को विकास नहीं हो सकें. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम रबड़ स्टांप नहीं है, हम भी कुछ करना जानते हैं, हमने अपने मुख्यमंत्री के काल में 34 ऐसा निर्णय लिया जिसे देश के अन्य राज्यों में भी सराहा जाता है. पूरे राज्य में भूमि समस्याओं की भरमार हैं.
गरीबों को भूदान के जमीन का पर्चा मिल गया है परंतु अभी तक भूमिहीनों को कब्जा नहीं मिल सका है. सिलिंग की जमीन मिल गई है, लेकिन उस पर कब्जा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार बाहरी लोगों को सिर्फ आंकड़ा दिखाने के लिए भूमिहीनों को पर्चा दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ जुमलेबाजी हो रहा है, कहीं भी विकास नहीं हो रहा है. अभी हाल में खगड़िया में 80 घरों महादलितों के घरों को दबंगों ने जला दिया. यहीं विकास नीतीश कुमार के राज्य में हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह सही बात है कि समाज शिक्षित होगा तो समाज में जागरूकता आएगी. गरीब लोग आगे बढ़ेंगे.
लेकिन ऐसा कैसे होगा सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती है. विद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का घोर अभाव है. कुछ शिक्षक है भी तो उनलोगों को एक समान वेतन नहीं मिल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने निर्णय लिया था कि सरकारी विद्यालयों के स्थिति को ठीक करने के लिए सभी शिक्षकों एक समान वेतन दिया जाएगा.
लेकिन सरकार उस निर्णय को लागू नहीं कर रही है. सत्ता में बैठे बड़े लोग हैं वे 80 प्रतिशत मूल निवासियों पर शासन कर रहे हैं. हम उन्हें दुश्मन नहीं मानते हैं परंतु उनलोगों को मानसिकता अभी भी नहीं बदला है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वे सरकार में आएंगे तो बिहार में लागू शराबबंदी कानून को हटाया जाएगा.
शराबबंदी अच्छा फैसला है, परंतु इस शराबबंदी कानून के वजह से केवल गरीब लोग ही फंस रहे हैं. अभी तक एक लाख तीस हजार गरीब लोगों को इस शराबबंदी कानून के वजह से आज जेल में है. गरीबों को बेवजह फंसाया जा रहा है. एक भी बड़े लोग शराबबंदी में नहीं पकड़ाया है जो भी पकड़ाया पैसा के बल पर छूट गया.
मौके पर हम के जिलाध्यक्ष मो. शौकत अली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था में आई है. आज गरीबों के आवाज को दबाया जा रहा है. मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष बीएन बसंत्री, मु. नूर आलम, ध्यानी यादव, रामचंद्र राउत, चंदन, डॉ. ओम नारायण सहित दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता व काफी संख्या में कार्यकर्ता व लोग उपस्थित थे.