सामाजिक कुरीतियो को दूर करने का यह एक सराहनीय कदम है - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

21 मार्च 2018

सामाजिक कुरीतियो को दूर करने का यह एक सराहनीय कदम है

मधेपुरा 21/03/2018 
बिहार दिवस की पूर्व संध्या पर सृजन दर्पण के कलाकारों के द्वारा रंगकर्मी बिकास कुमार के निर्देशन में शहर के भूपेन्द्र चौक पर बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर आधारित नुक्कड़ नाटक 'नुनुआ की दास्तान' का सफल मंचन किया गया.
                           कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मधेपुरा काॅलेज मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार ने कहा कि सामाजिक कुरीतियो को दूर करने का यह एक सराहनीय कदम है. दहेज प्रथा और बाल विवाह वर्त्तमान समय की ज्वलंत सामस्या है. वहीं समाजशास्री डॉ० आलोक कुमार ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीति आज के समाज की बड़ी समस्याओं में से एक है.
                         इसके लिए खासकर युवा वर्ग को आगे आना होगा. संगीत के शिझक डॉ० रविरंजन कुमार ने कहा कि बिहार दिवस की पूर्व संध्या पर सृजन दर्पण के रंगकर्मियों ने कुरीतियों के खिलाफ एक नया प्रयास शुरू किया है जो काबिल-ए-तारीफ है. मोके पर अवकाश प्राप्त शिक्षक कृति ना० यादव ने भी अपना विचार रखे.
                       कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सृजन दर्पण के अध्यक्ष डॉ०ओमप्रकाश 'ओम' ने कहा कि समाज को व्यवस्थित करने वाली रीति जब आगे चलकर कुरीति में तब्दील हो जाती है तब उसके सुधार का प्रयास जरूरी हो जाता है. करीति बन चुके बाल विवाह एवं दहेज प्रथा को बदलना समाज के चिंतको और युवाओं का धर्म है.

                       'नुनुआ की दास्तान' नुक्कड़ में दहेज लोभी पिता पर बेटे के सद् संकल्प की जीत को दिखाया गया. पिता की माँग से जब लड़की वाले दीनता के साथ लौटने लगते है उसी समय बेटे के दहेज न लेने के संकल्प पर पिता-का हृदय परिवर्तित हो जाता है.
                    रंगकर्मी बिकास कुमार के निर्देशन में रंगकर्मियों ने इसका प्रभावी और जीवंत मंचन किया. इस नुक्कड़ नाटक में रंगकर्मी विशाल भारती, सत्यम कुमार, प्रेम कुमार, सौरभ कुमार, सुमन कुमार, बादल कुमार, अमित कुमार, ज्योति सम्राट और अमृत राज ने भाग लिया. धन्यवाद ज्ञापन इन्दल कुमार ने किया.

Post Bottom Ad

Pages