डांडिया महोत्सव में जमकर थिरका मधेपुरा - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

16 अक्टूबर 2018

डांडिया महोत्सव में जमकर थिरका मधेपुरा

मधेपुरा
रविवार की रात दशहरे के छठे दिन मधेपुरा में दो दिवसीय डांडिया महोत्सव का आयोजन किया गया. जहां शहर के कई गणमान्य समेत आमलोगों की भीड़ इकट्ठा हुई.
                          लोग डांडिया पर जमकर झूमे और संदेश दिया कि बिहार पूरे हिंदुस्तान को खुद में समाने की ताकत रखता है. हालांकि बीते दिनों गुजरात में वहां रह रहे बिहारियों के साथ मारपीट और भगाये जाने के मामले के बाद पूरे बिहार में गुजरात के प्रति आक्रोश है लेकिन मधेपुरा में गुजरात और बिहारियों के बीच भाईचारगी का संदेश देने हेतु आयोजित दो दिवसीय डांडिया महोत्सव के पहले दिन मधेपुरा वासियों ने जमकर डांडिया का लुत्फ उठाया. उपस्थित लोगों ने कहा हिंदुस्तान में जब जब अन्याय या कुछ भी गलत हुआ है तो बिहार ने हीं उसे शांत कराया है.
                           डांडिया महोत्सव का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्षा मंजू यादव, मुरलीगंज नगर परिषद अध्यक्ष स्वेत कमल उर्फ बौआ जी, जीप उपाध्यक्ष रघुनंदन दास ने सम्मिलित रूप से दीप प्रजवलित कर किया. सम्बोधित करते हुए जिप अध्यक्षा ने मंजू यादव ने कहा कि बिहार की धरती सबको सीखाने वाली धरती है. गुजरात मे बीते दिन बिहार के लोगों के साथ अन्याय हुआ लेकिन मधेपुरा के युवाओं ने फिर उसे दिखाया है कि बिहारी कैसे भाईचारगी में विश्वास रखते है. मुरलीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष स्वेत कमल उर्फ बोआ यादव ने कहा कि दुर्गा पूजा पर डांडिया का आयोजन काबिले तारीफ है.
                      हम सभी को एक साथ खुशी मनाने का मौका ऐसे हीं अवसरों पर मिलता है. गुजरात में भले हीं बिहारियों के बारे में उल - जलूल बात होती हो लेकिन हम लोग शांति से ऐसे कुंठित मानसिकता वाले लोगों को प्यार और मोहब्बत से जबाब देते हैं. वहीं कार्यक्रम में जीप उपाध्यक्ष रघुनंदन दास ने कहा कि डांडिया नृत्य जिसे की रास लीला भी कहा जाता है काफी मनमोहक डांस है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोजक श्री कृष्ण सेना के अध्यक्ष राहुल यादव ने कहा की गुजरात में राजनीतिक लाभ के लिए कुछ लोग बिहारियों के साथ अन्याय कर रहे हैं लेकिन डांडिया महोत्सव बिहार की सहिष्णु सोच का प्रतीक है.
                             हम राष्ट्रीय एकता और भारतीय सांस्कृतिक विविधता को जन - जन तक पहुचाने का काम करते हैं. इस मौके पर सौरभ यादव ने कहा कि बिहार बुद्ध की भूमि है और चंद्रगुप्त मौर्य एवं सम्राट अशोक की कर्मभूमि है. बिहार के वैभव तले गुजरात क्या पूरा विश्व समां सकता है. डांडिया गुजरात की लोकसंस्कृति है इसे राजनीतिक विद्वेष का साधन बनाना कहीं से उचित नहीं है.
                    कार्यक्रम की शुरआत ग्रुप डांडिया डांस से हुआ. फिर स्थानीय गायक विकास कुमार पलटू ने अपने नव रिलीज गीत "देखो माँ तेरे भवन" गाकर कार्यक्रम का जोड़दार आगाज किया. कार्यक्रम में युवतियों ने जमकर डांडिया खेला तो वहीं कपल डांडिया डांस में भी सभी विवाहित जोड़े छाए रहे. डांडिया में बच्चों ने भी जमकर डांस किया. कार्यक्रम में छोटे - छोटे बच्चियों द्वारा डांडिया डांस बेहद हीं आकर्षक लग रहा था.
               जिले में पहली बार इस तरह के आयोजन से लोगों में खास दिलचस्पी देखी गयी. कार्यक्रम के अंत तक दर्शक और प्रतिभागी कुर्सी से चिपके रहे और जब भी डांस या गायन की बारी आई तो दर्शक वन्स मोर वन्स मोर चिल्लाते दिखे. बताया गया दूसरे दिन भी कार्यक्रम अपने निर्धारित समय से हीं शुरू होगी.
                      इस अवसर पर युवा नेता प्रशांत यादव, अंकेश गोप, अनिल यादव, अरविंद अकेला, इंदल यादव, अभिषेक कुमार, सुधांशू, श्रीकांत, अरविंद दास, आनंद कुमार, अमोद कुमार, हीरा यादव, राजेश, अभिमन्यु, आयुष, डॉ जौहरी, आशीष सोना, शम्भू आर्या, साक्षी सुमन, गरिमा उर्विशा, सपना, श्याम कुमार, वीरेंद्र, सत्रुघ्न कुमार, पी यदुवंशी, डॉ. रश्मि रमन, सहित श्रीकृष्ण सेना पदाधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित रहे.


Post Bottom Ad

Pages