मधेपुरा
अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का 63वां वार्षिक अधिवेशन 21-23 अक्तूबर तक लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में होने जा रहा है. इसमें बीएनएमयू, मधेपुरा की भी सक्रिय भागीदारी रहेगी.
यहाँ से स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी के नेतृत्व में शिक्षकों एवं शोधार्थियों की एक टीम सम्मेलन में शिरकत करेगी. इसमें स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर सह पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, एच. एस. काॅलेज, उदाकिसुनगंज में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रणधीर कुमार सिंह सहित कई अन्य शिक्षक एवं शोधार्थियों के नाम शामिल हैं.
डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय के नेतृत्व में बीएनएमयू लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर है. उन्हीं की प्रेरणा से हम सब राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीएनएमयू के शिक्षक एवं शोधार्थियों द्वारा पांच विभागों, यथा- तर्क एवं ज्ञानमीमांसा, नीति दर्शन, धर्म मीमांसा, तत्वमीमांसा और समाज दर्शन में शोध आलेख प्रस्तुत किया जाएगा.
पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि इस अधिवेशन की चिंतनधारा 'धर्म, नैतिकता एवं संस्कृति' है. इसके प्रधान सभापति दर्शनशास्त्र विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के प्रोफेसर एवं पूर्व अध्यक्ष डाॅ. प्रभु नारायण मंडल होंगे. डाॅ. मंडल मधेपुरा जिला के आलमनगगर प्रखंड अंतर्गत परेल-कपसिया बासा गाँव के निवासी हैं. ये वहाँ 'सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण' विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे.
साथ ही दो संगोष्ठीयां होंगी. प्रथम संगोष्ठी 'कश्मीर की दर्शन परंपरा एवं संस्कृति' की अध्यक्षता भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डाॅ. रजनीश शुक्ल करेंगे. द्वितीय संगोष्ठी 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव-दर्शन' पर होगा, जिसकी अध्यक्षता पूर्व सांसद एवं पूर्व कुलपति डाॅ. रामजी सिंह करेंगे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का 63वां वार्षिक अधिवेशन 21-23 अक्तूबर तक लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में होने जा रहा है. इसमें बीएनएमयू, मधेपुरा की भी सक्रिय भागीदारी रहेगी.
यहाँ से स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी के नेतृत्व में शिक्षकों एवं शोधार्थियों की एक टीम सम्मेलन में शिरकत करेगी. इसमें स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर सह पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, एच. एस. काॅलेज, उदाकिसुनगंज में असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रणधीर कुमार सिंह सहित कई अन्य शिक्षक एवं शोधार्थियों के नाम शामिल हैं.
डाॅ. द्विवेदी ने बताया कि कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय के नेतृत्व में बीएनएमयू लगातार प्रगति पथ पर अग्रसर है. उन्हीं की प्रेरणा से हम सब राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बीएनएमयू के शिक्षक एवं शोधार्थियों द्वारा पांच विभागों, यथा- तर्क एवं ज्ञानमीमांसा, नीति दर्शन, धर्म मीमांसा, तत्वमीमांसा और समाज दर्शन में शोध आलेख प्रस्तुत किया जाएगा.
पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि इस अधिवेशन की चिंतनधारा 'धर्म, नैतिकता एवं संस्कृति' है. इसके प्रधान सभापति दर्शनशास्त्र विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के प्रोफेसर एवं पूर्व अध्यक्ष डाॅ. प्रभु नारायण मंडल होंगे. डाॅ. मंडल मधेपुरा जिला के आलमनगगर प्रखंड अंतर्गत परेल-कपसिया बासा गाँव के निवासी हैं. ये वहाँ 'सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण' विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे.
साथ ही दो संगोष्ठीयां होंगी. प्रथम संगोष्ठी 'कश्मीर की दर्शन परंपरा एवं संस्कृति' की अध्यक्षता भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डाॅ. रजनीश शुक्ल करेंगे. द्वितीय संगोष्ठी 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव-दर्शन' पर होगा, जिसकी अध्यक्षता पूर्व सांसद एवं पूर्व कुलपति डाॅ. रामजी सिंह करेंगे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)